नारी शक्ति वंदन बिल राज्यसभा में भी हुआ पास

नारी शक्ति वंदन बिल राज्यसभा में भी हुआ पास

पारित हो गया है.

215 सांसदों ने इसके समर्थन में वोट डाले. विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा.

लोकसभा और राज्यों की विधानसभा में महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण देने वाले इस अधिनियम को मोदी सरकार ने संसद के विशेष सत्र में पेश किया था.

ये अधिनियम बुधवार को लोकसभा में पास हुआ था. बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े थे और बिल का असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने विरोध किया था. बिल के विपक्ष में दो वोट पड़े थे.

महिला आरक्षण के लिए पेश किया गया विधेयक 128वां संविधान संशोधन विधेयक है.

संशोधन क्या कहता है?

विधेयक में कहा गया है कि लोकसभा, राज्यों की विधानसभाओं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. इसका मतलब यह हुआ कि लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.

लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए सीटें आरक्षित हैं. इन आरक्षित सीटों में से एक तिहाई सीटें अब महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.

इस समय लोकसभा की 131 सीटें एससी-एसटी के लिए आरक्षित हैं. महिला आरक्षण विधेयक के क़ानून बन जाने के बाद इनमें से 43 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. इन 43 सीटों को सदन में महिलाओं के लिए आरक्षित कुल सीटों के एक हिस्से के रूप में गिना जाएगा.

इसका मतलब यह हुआ कि महिलाओं के लिए आरक्षित 181 सीटों में से 138 ऐसी होंगी जिन पर किसी भी जाति की महिला को उम्मीदवार बनाया जा सकेगा यानी इन सीटों पर उम्मीदवार पुरुष नहीं हो सकते.

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