आत्मनिर्भर भारत: नौसेना को मिला तीसरा एमसीए बार्ज; 30 साल तक काम करने की क्षमता

आत्मनिर्भर भारत: नौसेना को मिला तीसरा एमसीए बार्ज; 30 साल तक काम करने की क्षमता

भारतीय नौसेना को तीसरा मिसाइल व गोला-बारूद (एमसीए) बार्ज प्रदान किया गया है। आंध्र प्रदेश में पूर्वी गोदावरी के एक गांव गुट्टेनादीवी में 22 सितंबर को विशाखापत्तनम स्थित युद्धपोत उत्पादन अधीक्षक कमांडर जी रवि ने इसे लॉन्च किया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बार्ज (माल लादने की नाव या बजरा) की सभी प्रमुख प्रणालियां व उपकरण भारत में बने हैं। इसे सरकार की मेक इन इंडिया पहल पर बना गौरवपूर्ण उत्पाद कहा जा सकता है।

इस प्रकार के आठ बार्ज बनाने के लिए विशाखापत्तनम स्थित एमएसएमई सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. से अनुबंध किया गया है। इसके तहत 18 जुलाई और 18 अगस्त को पहले दो एमसीए बार्ज लॉन्च किए गए थे। इनका निर्माण भारतीय जहाजरानी रजिस्टर (आईआरएस) के वर्गीकृत नियमों के तहत हो रहा है। यह बार्ज अगले 30 साल तक नौसेना में सेवा देने की क्षमता रखते हैं।

फायदा
जहाजों में हथियार व माल लादने व उतारने में तेजी मंत्रालय के अनुसार, एमसीए बार्ज नौसेना को अपने काम तेजी से पूरे करने में मदद करेंगे। यह परिवहन और नौसेना के जहाजों में हथियार व माल लादने व उतारने जैसे कामों में उपयोग होंगे। साथ ही बांध, जलबंधक, सेतु और बंदरगाहों में भी यह उपयोग किए जाएंगे।

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