10 नवम्बर 2022 को तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीवकुमार मियां मिट्ठू बनते हुए मोदी सरकार के समक्ष हामी भरा था, कि चुनाव आयोग भारतवर्ष एक राष्ट्र एक चुनाव कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। चुनाव आयोग भारतवर्ष ने 9 सितम्बर 2023 को केवल पांच राज्यों के चुनाव वह भी चरणों में कराने की घोषणा कर अपने पूर्ववर्ती आयुक्त और मोदी सरकार के घोषणा को कपोलकल्पित साबित कर दिया। इस लिहाज से पूर्व सरकारों के समर्पण – निष्ठा, कार्यशैली, कार्यक्षमता को मानना पड़ेगा, उन्होंने बिना किसी तामझाम के सामान्य तरीके से बैलटपेपर से पूरे देश का चुनाव करा दिया था।
मोदी सरकार एक राष्ट्र, एक चुनाव कराने के अपने मनसूबे को अमलीजामा पहनाने के आशय से देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चुनाव समिति का चेयरमैन बनाया है। 1सितम्बर 2023 को गृहमंत्री अमीतशाह पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर समिति के अध्यक्षता के लिए राजी करते हैं, और अगले दिन 2 सितम्बर 2023 को आठ सदस्यीय समिति की अधिसूचना जारी हो जाती है। 23 सितम्बर 2023 को एक राष्ट्र, एक चुनाव समिति की पहली बैठक सम्पन्न होती है। बैठक में निश्चय किया जाता है, कि समस्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को, क्षेत्रीय दलों को, मान्यता प्राप्त एवं अमान्यता दलों की इस बाबत बैठक आहूत किया जाएगा। इधर यह समिति ऐसा फैसला ले ही रही थी, उधर चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के चुनाव के ऐलान की तैयारी कर रही थी।फिलहाल पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के चुनाव समिति की सारी कवायद धरासायी हो गई।
पांच राज्यों का चुनाव दो चरणों में होगा। चुनाव आयोग से आपेक्षा है पहले की गलतियों का पुनर्रावृत्ति न कर निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न करायें। हम भलीभांति जानते हैं, इस प्रणाली में निष्पक्ष चुनाव मुमकिन नही है।