प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलस्तीन – इज़राइल मसले पर कभी इधर, कभी उधर कूदते नज़र आये। इसीलिये भारत की जनता ने सीधा और प्रत्यक्ष तरीके से जाहिर किया, कि हम फिलस्तीन के साथ और इज़राइल के विरोध में है। भारत की जनता और भारत के प्रधानमंत्री दो विपरीत अवस्थिति में थे। मसलन केवल प्रधानमंत्री देश नही होता है, देशवासियों की मौजूदगी से देश बनता और कहलाता है। जनता हमेशा शान्ति ही चाहतीं है अगर वह युद्ध करती है, तो वह हमेशा अस्तित्व रक्षा और अपने अधिकारों के लिए ही युद्ध करती है।