मीठी सी सर्दी, भीगा-भीगा है समां, रायपुर में लगी है सावन सी झड़ी …

मीठी सी सर्दी, भीगा-भीगा है समां, रायपुर में लगी है सावन सी झड़ी …

चक्रवाती तूफान और पश्चिमी विक्षोभ के असर से रायपुर का मौसम बदला हुआ है। पिछले तीन दिनों से आसमान में बादल छाए हुए हैं।मीठी सर्दी का अहसास हो रहा है। समां भीगा-भीगा सा रहा। दिन रात हल्की फुहारें चलते रहें। गुरुवार को भी सुबह से मौसम ऐसा ही है।

मौसम वेधशाला के विज्ञानी डा.एचपी चंद्रा के मुताबिक एक अवदाब उत्तर-पूर्व तेलंगाना और उससे लगे दक्षिण छत्तीसगढ़-दक्षिण अंदरुनी आडिशा-तटीय आंध्र प्रदेश के ऊपर में कमजोर होकर चिन्हित निम्न दाब के क्षेत्र के रूप में स्थित है। इसके साथ ही ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक द्रोणिका चिन्हित निम्न दाब के क्षेत्र से दक्षिण तमिलनाडु तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।

एक पश्चिमी विक्षोभ, चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के रूप में हरियाणा और उसके आसपास 3.5 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके प्रभाव से मौसम में बदलाव हुआ है। बता दें कि इसके असर से पिछले तीन दिनों से झड़ी जैसी स्थिति रही। नतीजा दिन के तापमान में जबरदस्त गिरावट दर्ज हुई। हालांकि आज तापमान में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। यह भी बता दें कि अभी दिन में तापमान सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस कम है। वहीं रात में पारा चार डिग्री ज्यादा है।

आज भी दिनभर वर्षा की संभावना

मौसम विभाग का यह भी कहना है कि प्रदेश में सात दिसंबर को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात भी होने की संभावना है। वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः उत्तर छत्तीसगढ रहने की संभावना है।

रात में बढ़ने वाली है सर्दी

ऐसा माना जा रहा है कि शुक्रवार से मौसम फिर बदल जाएगा। आसमान से बादल छंट जाएंगे। प्रदेश में अगले चार दिनों में अधिकतम तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस के आसपास वृद्धि की संभावना है। जबकि न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस इसी अवधि में गिरावट होने की संभावना है।

गर्म कपड़ों में आए नजर

राजधानी रायपुर में पिछले तीन दिनों से लोग दिन में भी गर्म कपड़ों में नजर आ रहे हैं। हल्की ठंडी हवाएं चल रहीं है , दिनभर रिमझिम वर्षा ने आमजन को हलकान किया है। इसके कारण घर के आंगन व छत में कपड़े नहीं सूख पाए। शाम ढलते ही कई जगहों पर अलाव का भी सहारा लिया गया। बाजार में गर्म कपड़ों की बिक्री भी बढ़ी है।

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