नगर पंचायत में कुर्सी जाने के भय से हड़बड़ी में उपाध्यक्ष अनुराग दास ने इस्तीफा दे दिया। इसे वापसी लेने की गुहार लगाने दूसरे दिन ही कलेक्टर के पास पहुंच गए।
राज्य में सत्य परिवर्तन के पहले जोगी कांग्रेस के नगर पंचायत अध्यक्ष अंकित रवि शुक्ला जकांछ से निर्वाचित हुई थी। जकांछ के विधायक धर्मजीत सिंह के भाजपा में प्रवेश होने के बाद लोरमी से नगर पंचायत अध्यक्ष अंकित रवि शुक्ला भी भाजपा में प्रवेश कर ली थी। इसके चलते अध्यक्ष की कुर्सी बच गई थी। अब भाजपा पार्षदों की नजर उपाध्यक्ष की कुर्सी पर लगी दिखाई दे रही थी। जैसे ही उपाध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव की सुगबुहट हुई हड़बड़ाहट में नपं उपाध्यक्ष अनुराग दास ने इस्तीफा दे दिया। दूसरे दिन कांग्रेसियों की पार्षद की रणनीति बनी तो सीधा कलेक्टर के पास उपाध्यक्ष के साथ कांग्रेसी पार्षद पहुंच गए और इस्तीफा को वापसी को लेकर गुहार लगाई। स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान जनता कांग्रेस और कांग्रेस के बीच में जो रणनीति बनी भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए वहां कामयाब रहे।इसके चलते अध्यक्ष की कुर्सी जकांछ को मिली और उपाध्यक्ष की कुर्सी कांग्रेस को, तीन साढ़े तीन साल की इनकी मिलीजुली सरकार चलती रही। सन 2023 में विधानसभा चुनाव हुआ और राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया। सत्ता परिवर्तन होने के बाद स्थानीय स्तर पर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई। धर्मजीत को भाजपा में जाते देखकर अध्यक्ष ने चतुराई दिखाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। इसके चलते अध्यक्ष की कुर्सी बच गई थी। स्थानीय राजनीतिक जानकार भी यह बताते हैं कि भाजपा के जो पार्षद हैं उनकी नजर उपाध्यक्ष की कुर्सी पर लगी है। कांग्रेस के उपाध्यक्ष को हटाने के लिए चर्चा जोरों से है। इसी बीच उपाध्यक्ष को जब भनक लगी आनन-फानन में इस्तीफा दे दिया। इसे नगर पंचायत के सीएमओ ने कलेक्टर को दे दिया। दो दिन बाद कांग्रेस की पार्षदों की बैठक हुई। इसमें रणनीति बनी आगे जो भी राजनीतिक परिस्थितियों बनेगी उसको सब मिलजुल करके एक-दूसरे के साथ तय करेंगे। फिलहाल इस्तीफा को वापसइसे नगर पंचायत के सीएमओ ने कलेक्टर को दे दिया। दो दिन बाद कांग्रेस की पार्षदों की बैठक हुई। इसमें रणनीति बनी आगे जो भी राजनीतिक परिस्थितियों बनेगी उसको सब मिलजुल करके एक-दूसरे के साथ तय करेंगे। फिलहाल इस्तीफा को वापस लेने कलेक्टर से गुहार लगा लगाकर दबाव बनाने का योजना बनाई गई। इसी रणनीति के तहत गुरुवार को कांग्रेसी पार्षद जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और इस्तीफा वापसी लेने को लेकर अपनी बातें रखी। अब देखते हैं कि कलेक्टर इस्तीफा स्वीकार करते हैं या वापस करते हैं। इसे लेकर लोरमी में स्थानीय राजनीति गर्म हो गई है और भाजपा के सत्ताधारी पार्षद हैं वे इस रणनीति में पहुंचे हैं, यदि कलेक्टर इस्तीफा स्वीकार नहीं करते हैं उपाध्यक्ष पद पर बने रहती हैं तब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी करने की योजना बना रहे हैं।
धर्मजीत सिंह के समर्थक होने के कारण आप तक बची है अध्यक्ष की कुर्सी : छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले तत्कालीन तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह जब पार्टी छोड़ें उन्हीं के साथ उनके समर्थको ने भी भाजपा प्रवेश कर लिया था। इसके चलते भाजपा पार्षदों का उनका समर्थन मिलना स्वभाविक है। इसके चलते नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी बची हुई है।