पंद्रह साल तक मुख्यमंत्री रह चुके रमन सिंह इस बार पार्टी के सत्ता में आने के बाद विधानसभा के अध्यक्ष हैं। विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री के रुप में कमान संभालने के बाद पहली ऐसी नियुक्ति हुई है, जिसमें रमन सिंह की छाया नजर आ रही है। जी हां, सत्ता परिवर्तन के बाद चाहे मंत्रियों का चुनाव हो या अफसरों को जिम्मेदारी, नए तबादले हों या फिर नियुक्तियां। सरकार ने पहली ऐसी नियुक्ति की है, जो रमन सिंह के करीबी हैं। ये हैं छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के नए महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत।
प्रफुल्ल एन भारत 2018 में विधानसभा चुनाव तक उप महाधिवक्ता रहे। लेकिन सत्ता परिवर्तन हुआ और राज्य में कांग्रेस की सरकार आई, तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पांच साल तक प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले प्रफुल्ल एन भारत को अब राज्य का नया महाधिवक्ता बनाया गया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में उनके नाम पर अंतिम मुहर लगा दी गई है।
मंत्रिपरिषद के निर्णय के बाद विधि विधायी विभाग ने पदस्थापना आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा शुरु हो गई है कि आखिर विष्णुदेव साय ने रमन के करीबी की नियुक्ति क्यों की है? क्योंकि महाधिवक्ता समेत सभी नियुक्तियां राजनीतिक पहुंच और रसूख के आधार पर ही की जाती है। सियासी सुर्खियों पर सवालों का उठना नया नहीं है। लेकिन इस नियुक्ति के साथ ही ये भी साफ हो गया है कि अब जल्द ही महाधिवक्ता कार्यालय में अतिरिक्त महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता, शासकीय अधिवक्ता समेत पैनल लायरों की नियुक्ति की जाएगी।
आपको बता दें कि महाधिवक्ता राज्य प्रमुख को विधि संबंधी सलाह देने का कार्य करते है। वे राज्य के सदन की कार्यवाही में और सदन में बोलने की शक्ति रखते है, लेकिन मतदान नहीं कर सकते है। उन्हें विधानमंडल के सदस्यों को मिलने वाले सभी वेतन भत्ते एवं विशेषाधिकार प्राप्त होता है।
छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त महाधिवक्ता मूलत: जगदलपुर के रहने वाले हैं। वकालत की डिग्री लेने के बाद उन्होंने जबलपुर हाईकोर्ट से प्रैक्टिस शुरु की। पांच साल तक जबलपुर हाईकोर्ट में वकालत के बाद जब छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई और यहां हाईकोर्ट खुला, तो वे यहां आ गए। बिलासपुर में रहकर उन्होंने महाधिवक्ता रविंद्र श्रीवास्तव के कार्यकाल में पहले पैनल लायर रहे। फिर अतिरिक्त महाधिवक्ता के रुप में भी काम किया। 2014 में जब सुनील कुमार सिन्हा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस रहे तब वे अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर कार्य कर रहे थे।
छत्तीसगढ़ के आठवें महाधिवक्ता बने
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद रविंद्र श्रीवास्तव पहले महाधिवक्ता रहे। उन्होंने 15 नवंबर 2000 को पद संभाला था। इसके बाद रवीश चंद्र अग्रवाल, प्रशांत मिश्रा, डीएस सुराना, संजय कुमार अग्रवाल, जुगल किशोर गिल्डा, कनक तिवारी, सतीशचंद्र वर्मा इस पद पर रह चुके हैं। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही सतीशचंद्र वर्मा ने महाधिवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था।