यह किसान का पीठ है, जिस पर हुकूमत ने प्रेम और विकास का सर्वश्रेष्ठ नक्शा उखेरा है !

यह किसान का पीठ है, जिस पर हुकूमत ने प्रेम और विकास का सर्वश्रेष्ठ नक्शा उखेरा है !

किसान के साथ सरकार की योजना है संधि या युद्ध ?

किसान नेता चौधरी चरणसिंह पूर्व प्रधानमंत्री, कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को जब अवार्ड से सम्मानित किया, तो देश में एक बहस छिड़ गई कि किसानों के लिए काम करने वालो के लिए इतना सम्मान तो अवश्य प्रधानमंत्री के मन में किसानों के लिए भी अगाध – असंख्य प्रेम होगा।

देश के चहुं ओर उत्तर – दक्षिण, पूरब – पश्चिम के किसानों के करीब – करीब दो सौ किसान संगठनों के आह्वान पर 13 फरवरी 2024 को भारत की राजधानी दिल्ली कूच करने का ऐलान हुआ है, तद्नुसार हजारों – हजार किसान अपने – अपने गांवों इलाके से निकल पड़े चूंकि सरकार किसानों की तादाद से वाकिफ हैं, इस तादाद को सरकार गिन भी सकती है, लेकिन यह अंतिम सत्य है, कि किसानों के हौसले को सरकार नाप – तौल नही सकती है।
लेहाजा मंत्री स्तरीय बैठक आहूत किया जो बेनतीजा रहा।

सरकार की योजना है संधि या युद्ध !

वैसे तो सरकार ने पहले ही अपनी रणनीति दो बिन्दुओं पर केंद्रित कर लिया था – संधि या युद्ध जैसे कि इतिहास ने हमें सिखाया है, उससे हम समझ सकते हैं, सरकार ने संधि के लिए कितनी तैयारी किया और अपने ही जनता के खिलाफ युद्ध के लिए कितनी तैयारी किया उसे आसानी से समझा – देखा जा सकता है। कीलेंबंदी, हदबंदी, सहित लाल किले के प्राचीर से भी मजबूत सीमेंट की बाधक दीवारें खड़ी कर दिया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम होते हजारों वाहनों की कतारें, आपाधापी में लोग, अपने वर्ष भर की मेहनत का दाम और सामाजिक सुरक्षा के मांग के साथ मोर्चा में डटे किसानों पर जब अश्रुगैस के गोले छोड़े गये, इससे भी किसान तितर – बितर नही हुए तब पूरी बेरहमी और बेशर्मी से लाठी चार्ज किया गया। किसान – नौजवानों के हाथ पैर तोड़ दिये गये सचमुच वह मंजर याद कर रूह कांप जाती है, जब एक किसान के पीठ पर जो लाठियां दिल्ली पुलिस ने बरसायीं है पीठ के ज़ख्म भरे निशान देखकर लगता मानो नये राष्ट्र का ब्लूप्रिंट खींचा गया है। एक किसान के सर पर जो हरियाणवी पुलिस की लाठी बलभर पड़ा और कुचले सर से जो रक्तस्राव हुआ उसके साथ ही सरकार की किसान प्रेम धरती पर बहने लगी। किसान नेता चौधरी चरणसिंह, कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को दिया गये अवार्ड का मकसद अपने सही स्वरूप के साथ प्रकट हो गया।

*यह है, किसानों की मांगे जिसकी पूर्ति के लिए पहले भी किसानों ने कुर्बानी दिया है, अब भी दे रहे हैं !

• एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए नोटिफिकेशन जारी करें।

  • स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करें, किसानों के लागत खर्चे पर 50 फीसदी मुनाफा दिया जाए।
  • किसानों के कर्ज़ माफ़ किए जाएं। किसान आन्दोलन के दौरान किसानों पर लगाए गए केस वापस लिया जाएं।
  • मनरेगा में 200 दिन काम देने और दिहाड़ी 700 रूपये हो।
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