माओवादी हिड़मा के गांव में पहुंचा स्वास्थ्य विभाग का अमला, इलाज कराने पहुंची नक्सली कमांडर की मां

माओवादी हिड़मा के गांव में पहुंचा स्वास्थ्य विभाग का अमला, इलाज कराने पहुंची नक्सली कमांडर की मां

छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर बॉर्डर में आज स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप लगाने पहुंची। गांव में फोर्स की मदद से स्वास्थ्य कैंप लगाकर लोगों का हेल्थ चेकअप किया गया। जिस गांव में स्वास्थ्य विभाग ने कैंप लगाया था, यह गांव कुख्यात नक्सली हिड़मा का पूवर्ती गांव है। गांव में हेल्थ चेकअप के दौरान नक्सली कमांडर हिड़मा की मां ने भी अपना हेल्थ चेकअप कराया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव के लोगों को जरूरी दवाइयां बांटी है।

बताया जा रहा है कि जैसे ही गांव के लोगों को यह पता चला कि स्वास्थ्य विभाग की टीम हेल्थ चेकअप के लिए आ रही है तो बड़ी संख्या में ग्रामीण अपने स्वास्थ्य की जांच कराने पहुंचे थे। कैंप में स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए खूंखार पीएलजीए बटालियन के कमांडर बारसे देवा के परिवार वाले भी पहुंचे थे। कैंप में पहुंचकर लोगों ने अपना नंबर लगाया, फिर एक-एक कर गांव के लोगों के हेल्थ की जांच की गई है।

इस हेल्थ शिविर लगाने के उद्देश्य को लेकर बस्तर आईजी सुंदर पी दास ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार स्वास्थ्य कैंप लगाया जा रही है। इस स्वास्थ्य कैंप के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य की जानकारी दी जा रही है। माओवाद प्रभावित और जंगली इलाका होने के कारण यहां के लोगों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। बस्तर आईजी ने बताया कि हमारी हमेशा से कोशिश रही है कि सुदूर इलाके में गांव के लोगों को जरूरी दवाइयां मिल सकें। ऐसे लोग जो अपना इलाज कराने शहर नहीं जा पाते हैं उनका इलाज गांव में ही किया जाए। आईजी ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत गांव में मेडिकल कैंप, सड़क, पानी और पुल की व्यवस्था ठीक से होनी चाहिए।

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