बिना धर्म परिवर्तन किये बिना राजवीरकांत बन गये थे शादाब खान,मसला धर्म परिवर्तन का नहीं ,कर्म परिवर्तन का ….

बिना धर्म परिवर्तन किये बिना राजवीरकांत बन गये थे शादाब खान,मसला धर्म परिवर्तन का नहीं ,कर्म परिवर्तन का ….

मसला है वर्तमान का, तथ्य – तर्क और सच्चाई से ओतप्रोत लेकिन इसे मैं आज लिखूंगा हमारे इतिहास के नामचीन कलमकार अल्लामा मौलाना डॉ इकबाल साहब के कलम की रौशनाई के साये में बल्कि उनकी नज़्म की लाईन से …..

कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नही हमारी!
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-जमां हमारा!!

बिना धर्म परिवर्तन किये बिना राजवीरकांत बन गये शादाब खान, नही .. नही .. मसला धर्म परिवर्तन का नही है। मामला कर्म परिवर्तन का है। सरल भाषा में इसे कर्म परिवर्तन ही कहा जायेगा जब पुलिस अधिकारी का बेटा राजवीरकांत चोर की तरह फिरौती की मांग करने लगे तो इसे कर्म परिवर्तन ही कहा जायेगा। एक मुस्लिम शादाब के नाम ओ जिस्म का इस्तेमाल इस तरह करने लगे तो उसे और क्या ही कहियेगा। इसमें एक पेंच और है जिसे पुलिस बाप के इस सरफिरे नवजवान ने बेहद शातिराना तरीके से इस्तेमाल किया है, मुस्लिम नाम का इस्तेमाल करो जांच की दिशा वैसे ही बदल जायेगी। चलिए हम नुक्ते पर आते हैं – गुज़रे साल 27 अक्टूबर 2023 को एशिया के रईसों में से एक मुकेश अंबानी से शादाब खान के नाम से मुम्बई का पुलिस पुत्र राजवीरकांत ई-मेल के जरिए 20 करोड़ रुपये की फिरौती का मांग करता है। बाद में उसे एहसास होता है आसामी बहुत मोटा – तगड़ा है, 20 करोड़ क्यूकर मांग लिया और अगले ही दिन 28 अक्टूबर 2023 को शादाब खान के नाम से दूबारा ई-मेल भेजकर 200 करोड़ रूपये की मांग करता है। अपराध मानसिकता कहां चैन से बैठती है, शादाब खान का जिस्म लपेटे इस क्रिमिनल को ध्यान आता है, वह इंजीनियरिंग पास, कम्प्यूटर साइंस में साइंसजदा है, अतः अपने हासिल विज्ञान के डार्कवेब तकनीकी का इस्तेमाल कर तीसरा ई-मेल भेजकर फिरौती राशि को बढ़ाते हुए 400 करोड़ रूपये की मांग करता है। इस दौरान मुकेश अंबानी जो न केवल एक बड़े उद्योगपति हैं, बल्कि शहंशाह – ए – मुल्क के करीबी भी है, वह कहां ऐसे ई-मेल से डरने वाले हैं, नतीजतन मामला पुलिस तक पहुंचती है।

शादाब खान के नाम से भेजें जा रहे ई-मेल के आईपी एड्रेस की जांच जब मुम्बई पुलिस करती है, तब खुलासा हुआ शादाब खान हकीकतन राजवीरकांत है।

बार – बार सुनियोजित और शातिराना तौर – तरीका अपनाकर मुसलमानों पर तोहमतें लगाई जा रही है। दिनांक 4 जनवरी 2024 को लखनऊ के गोमतीनगर विभूति खण्ड इलाके से जुबैर खान, आलम अंसारी के नाम से कुछ मेल्स आते हैं, मेल में कथित तौर पर यह ऐलान करते हुए कि हम राममंदिर को उड़ा देंगे, ऐसे ईमेल्स की जांच जब यूपी पुलिस द्वारा की गई तब ईमेल भेजने वालो का कुकृत्य का खुलासा होता है, पुलिस ने मेल भेजने वाले ठाकुर ताहरसिंह और ओमप्रकाश मिश्रा का घिनौना चेहरा उजागर कर दिया।

13 मार्च 2022 को कर्नाटक के विधान परिषद के सदस्य ( Member of Legislative assembly ) डीएस अरूण पिता शंकर मूर्ति को कोई मुश्ताक अली नाम का बंदा फेसबुक पर लगातार धमकी दे रहा था। कर्नाटक पुलिस ने जांच किया तो ज्ञात हुआ वह मुश्ताक अली नही सिद्धारूड श्रीकांत निराले नाम का व्यक्ति हैं , जो‌ मुश्ताक अली के नाम से फेसबुक पर एम एल सी को धमकी दिये जा रहा था।

इंतेहा देखिए, मकसद पूरा होते ही, फाउण्डेशन का नाम ही बदल गया !

मध्यप्रदेश के रतलाम जिला के बाहरी इलाके में मुसलमानों की एक छोटी सी आबादी थी। अपनी खेती – बाड़ी, बकरी – बकरा पाल पोसकर जीवन चला रहे थे, उस जमीन पर भू – माफिया की गिद्ध नज़र पड़ी उस मुस्लिम आबादी को बहला फुसलाकर कर कि तुम्हारी जमीन पर मस्जिद बनाएंगे, मुस्लिम आबादी बसाएंगे कहकर जमीन के एक बड़े हिस्से को तंजीम – ए‌ – जरखेश फाउण्डेशन के नाम से खरीद लिए अब उस जमीन को प्रोफेसर पीसी महाजन फाउण्डेशन में स्थानांतरित कर भूमि उपयोग बदलकर अन्य तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं।

इकबाल साहब की मौजूं लाईन दूबारा पेश है –

कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नही हमारी!
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जमां हमारा!!

Chhattisgarh