राहुल गांधी ने आदिवासियों के लिए छह सूत्री ‘संकल्प’ का एलान किया है.
महाराष्ट्र के नदुंरबार में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत आयोजित एक रैली में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जल, जंगल, ज़मीन और आदिवासी समाज के बुनियादी अधिकारों की रक्षा के लिए छह संकल्प लिए हैं.
उन्होंने कहा, ”वन अधिकार अधिनियम (एफआरए ) के तहत एक वर्ष के अंदर सभी बकाया क्लेम्स का निपटारा होगा और छह महीने के भीतर सभी अस्वीकृत क्लेम्स की समीक्षा होगी. इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए हम राष्ट्रीय मिशन स्थापिता किया जाएगा.”
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा वन संरक्षण और भूमि अधिग्रहण कानूनों में किए गए सभी संशोधनों को कांग्रेस वापस लेगी. देश का हर वो इलाका जो आदिवासी बाहुल्य है, उन्हें कांग्रेस की सरकार अनुसूचित क्षेत्र’ का दर्जा देगी.
राहुल ने कहा,” कांग्रेस हर राज्य में ‘पेसा’ के तहत कानून बनाकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में ‘ग्राम सरकार’ और ‘स्वायत्त ज़िला सरकार’ की स्थापना करेगी. एमएफ़पी की गारंटी के कानून में छोटे वन उपज को भी शामिल किया जाएगा.”
राहुल ने कहा, ”कांग्रेस बजट में दलित और आदिवासियों को पर्याप्त हिस्सेदारी देने के लिए एससी-एसटी सब प्लान को पुनर्जीवित कर उसे कानूनी संरक्षण देगी, जैसा कि इसकी सरकारों ने कई राज्यों में किया है. उन्होंने आदिवासियों के परंपरागत अधिकारों की रक्षा और उनकी बेहतरी के बिना देश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती. ”
“इंडिया गठबंधन की सरकार आदिवासियों के हक़, सुरक्षा और सम्मान की गारंटी है.”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि ‘उनकी पार्टी ‘आदिवासी संकल्प’ की गारंटी के माध्यम से आदिवासियों के अधिकारों तथा उनके ‘जल, जंगल, जमीन’ की रक्षा करेगी.’