रायपुर। छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अरुण सिंह सिसोदिया ने प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर पार्टी के 5 करोड़ 89 लाख रुपये गबन का आरोप लगाया है।

पीसीसी चीफ बैज को लिखे पत्र में महासचिव सिसोदिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल द्वारा अपने मित्र और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी के बेटे की कंपनी को 5 करोड़ 89 लाख रुपए बिना प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम व प्रभारी महामंत्री की जानकारी व अनुमति के भुगतान किया गया जबकि कोषाध्यक्ष को कार्यादेश जारी करने अनुमति नहीं और पार्टी बायलोज के अनुसार प्रदेश कार्यकारणी में प्रस्ताव लाकर पास करना आवश्यक है और प्रदेश अध्यक्ष के नोट शीट ऐप्रूवल लिया जाना जरूरी है।

उन्‍होंने आगे लिखा है कि सरकार आने के बाद भी संगठन को किसी प्रकार आर्थिक सहयोग नहीं दिया जाता था हमारे द्वारा कई बार बैठक में और प्रभारी कुमारी सैलजा से अनुरोध व मांग करने के बावजूद ब्लाक अध्यक्ष व जिला अध्यक्ष को 5-10 हजार मासिक संगठन के कार्य करने नहीं दिया गया पर अपने परिवार के लोगों को एक कमरे में बैठकर कार्यादेश व गवाह निजी लोगों को बनाकर भुगतान कर दिया गया। साथ ही जो रकम 10 लाख 6 लाख व 3 लाख कुल 19 लाख प्रति माह मुगतान किया गया वो वर्तमान में 10 गुना है यानी प्रति माह 20 लोगों की टीम 3 लाख में कार्य कर रही है जैसा की आपको पूर्ण विदित है। आपसे अनुरोध है की 5 साल में ही सरकार और सगठन में मनमानी करने वाले गिरोह को पार्टी से बाहर किया जाए व हार के जिम्मेदार लोगो को सक्रिय राजनीति व पार्टी से दूर रखा जाए तभी पार्टी का उत्थान संभव है।

जानिए कौन है अरुण सिसोदिया

पार्टी के नेताओं पर 5 करोड़ 89 लाख रुपये गबन का गंभीर आरोप लगाने वाले कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सिसोदिया को पूर्व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के कार्यकाल में चर्चा में आए थे। पार्टी में संगठन और प्रशासन की अलग-अलग जिम्‍मेदारी संभाल रहे अपने दो बेहद करीबियों को हटाकर पीसीसी चीफ मरकाम ने अकेले सिसोदिया को एक साथ पार्टी के संगठन और प्रशासन की जिम्‍मेदारी सौंप दी थी। इसकी वजह से अचानक सिसोदिया चर्चा में आ गए। सिसोदिया भिलाई (दुर्ग) के रहने वाले हैं। सिसोदिया पूर्व सैनिक हैं।

सेना से सेवानिवृत्‍त होने के बाद भिलाई स्थित केंद्र सरकार के उपक्रम फेरो स्‍क्रैप निगम लिमिटेड से कर्मचारी राजनीति की शुरुआत की। इंटक के दुर्ग जिलाध्‍यक्ष और प्रदेश सचिव रहे। एक समय वो तम्रध्‍वज साहू के बेहद करीबी माने जाते थे। मरकाम के पीसीसी अध्‍यक्ष बनने के बाद सिसोदिया उनके करीब आ गए। इसके बाद संगठन में उनकी भूमिका बढ़ने लगी। मरकाम ने ही उन्‍हें राजनांदगांव का प्रभारी महामंत्री बनाया था। खैरागढ़ उपचुनाव में सिंह की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही।

इसी साल जनवरी में दिया था इस्‍तीफा

एआईसी सदस्‍य और पीसीसी महासचिव सिसोदिया ने इस साल जनवरी में इस्‍तीफा दे दिया था, हालांकि उनका इस्‍तीफा मंजूर नहीं हुआ था, लेकिन अपने इस्‍तीफा में भी उन्‍होंने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा पर आरोप लगाया था। उन्‍होंने वर्मा पर दबाव बनाने और काम में हस्‍तक्षेप करने का आरोप लगाया था।

विधानसभा चुनाव के दौरान वे वैशाली नगर से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन टिकट दिया गया। अपने इस्‍तीफा में सिसोदिया ने कहा था कि साजिश के तहत मुझे प्रदेश महामंत्री व प्रदेश महामंत्री संगठन व प्रशासन से हटा दिया गया। यह सब कुछ चुनिंदा लोगों के इशारों पर हुआ। वर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ गठन व अन्य डेटा विनोद वर्मा के पास साफ्ट और हार्ड कापी में उपलब्ध है। यह पीसीसी की गोपनीय जानकारी है। इसे सुरक्षित किया जाना चाहिए।

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