मुख़्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत, बांदा की जेल में बंद थे पूर्वांचल के बाहुबली नेता

मुख़्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत, बांदा की जेल में बंद थे पूर्वांचल के बाहुबली नेता

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में मऊ से पांच बार के विधायक रहे बाहुबली नेता मुख़्तार अंसारी का निधन हो गया है.

बांदा जेल में बंद मुख़्तार अंसारी की गुरुवार शाम तबियत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें रानी दुर्गावाती मेडिकल कॉलेज लाया गया.

मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, 63 साल के मुख्तार अंसारी को जेल के सुरक्षाकर्मियों ने मेडिकल कॉलेज के इमर्जेंसी वार्ड में शाम 8.45 बजे भर्ती कराया था. उन्हें उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में लाया गया था.

बुलेटिन में कहा गया है कि मरीज को नौ डॉक्टरों की टीम ने तत्काल चिकित्सकीय सहायता उपबल्ध कराई लेकिन भरसक प्रयासों के बावजूद ‘कार्डियक अरेस्ट’ के कारण उनकी मृत्यु हो गई.

समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए मुख़्तार अंसारी की मौत पर दुख जताया है.

समाजवादी पार्टी ने लिखा,”पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दुःखद. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो.”

कांग्रेस पार्टी ने मुख़्तार अंसारी की मौत को लेकर उत्तर प्रदेश की सरकार पर सवाल उठाए हैं.

कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “आज जिस तरह मुख़्तार अंसारी की जेल में मौत हुई है, वो उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार सरकार पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है…इससे पहले एक आरोपी मुन्ना बजरंगी जेल में मार दिया जाता है. तमाम आरोपियों को अस्पताल जाते वक्त हत्यारे आरोपी खुलेआम मारकर चले जाते हैं. कोई अपराधी कचहरी में क़त्ल करता है. क्या ये उत्तर प्रदेश की क़ानून व्यवस्था है, क्या इस तरीके से शासन प्रशासन चलेगा, इस तरीके से जेलें चलेंगी?”

उन्होंने कहा, “मुख़्तार अंसारी ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि उन्हें धीमा ज़हर दिया जा रहा है. और आज प्रशासन बता रहा है कि उनका दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. हाईकोर्ट के मौजूदा जज की निगरानी में जांच होनी चाहिए ताकि पता चले लोगों को कि जेलों में क्या हो रहा है?”

शाम को जैसे ही मुख़्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने की ख़बर आई, ग़ज़ीपुर में उनके आवास पर लोगों की भीड़ जमा हो गई.

पिछले साल अप्रैल में मुख़्तार अंसारी को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्या मामले में 10 साल की सज़ा सुनाई गई थी. उनके भाई और ग़ाजीपुर से सांसद रहे अफ़जाल अंसारी को भी इस मामले में चार साल की सज़ा सुनाई गई थी.

कई मामलों में उन पर मुकदमा चल रहा था. फिलहाल उनपर 65 मुकदमे चल रहे थे.

मुख़्तार अंसारी पर 1996 में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और कोयला व्यापारी नंदकिशोर रुंगटा के अपहरण और बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल होने का मुकदमा दर्ज किया गया था.

साल 2005 में कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी. उस वक़्त जेल में बंद होने के बावजूद मुख़्तार अंसारी को इस हत्या मामले में नामज़द किया गया.

इन मामलों में मिली थी सज़ा

पिछले कुछ सालों से अंसारी परिवार चर्चा में रहा है. मऊ में अंसारी की कई कथित ग़ैरक़ानूनी प्रापर्टी को ध्वस्त कर दिया गया.

सितंबर 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख़्तार अंसारी को एक जेलर को धमकाने के मामले में सात साल की सज़ा सुनाई थी. ये मामला साल 2003 का था.

इसके कुछ दिन बाद 1999 के एक मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत उन्हें पांच साल सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गई और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.

जुलाई 2022 में मुख़्तार अंसारी की पत्नी अफ़सा अंसारी और उनके बेटे अब्बास अंसारी को फ़रार घोषित कर दिया गया.

अगस्त 2020 में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अफ़जाल अंसारी के घर को ढहा दिया. आरोप था कि ये घर ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से बनाया गया था.

मुख़्तार अंसारी को फ़िरौती के मामले में साल 2019 से पंजाब की रुपनगर जेल में रखा गया था. बाद में उन्हें उत्तर प्रदेश की बांदा की जेल में शिफ़्ट किया गया था.

मुख़्तार अंसारी पांच बार विधायक चुने गए. इनमें से चार बार वो मऊ से लगातार विधायक रहे हैं. एक बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर, दो बार निर्दलीय और एक बार ख़ुद की बनाई पार्टी क़ौमी एकता दल से.

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