अटल विश्वविद्यालय में मतदाता जागरूकता के नाम पर कुछ आपत्तिजनक लाइनों वाले बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं, जिसे लेकर एनएसयूआइ ने मोर्चा खोल दिया है। इन पोस्टरों में ईवीएम में नहीं है खोट और अपनी है सरकार जैसे लाइनें लिखीं गईं हैं और इसे एक छात्र संगठन के द्वारा लगाया गया है। जिसे लेकर एनएसयूआइ पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाने की चेतावनी दी। इस पर पुलिस ने एक्शन लेते हुए एनएसयूआइ पदाधिकारियों को हिरासत में लेकर कोनी थाने भेज दिया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बाद पदाधिकरियों को छोड़ा गया।
एनएसयूआइ के प्रदेश उपाध्यक्ष लक्की शशांक मिश्रा ने बताया कि अटल बिहारी विश्वविद्यालय में मतदाता जागरुकता के लिए कुछ पोस्टर लगवाए गए हैं। जो आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे और एक भाजपा के पक्ष में प्रचार कर रहे। इन पोस्टरों का विरोध करते हुए हटाने की मांग की जा रही है, साथ ही एनएसयूआइ के पदाधिकारियों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर इसकी जानकारी कलेक्टर को दी। पोस्टर नहीं हटाए जाने पर एनएसयूआइ की ओर से मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाने की चेतावनी दी गई। सीएम को काला झंडा दिखाने की बात कहने पर पुलिस ने एनएसयूआइ पदाधिकारियों को हिरासत में ले लिया है। सभी को पुलिस कोनी थाने भेजा गया। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष लक्की मिश्रा, प्रदेश सचिव दुर्गेश कुमार समेत एनएसयूआइ के विवेक साहू, आशुतोष तिवारी, आशीष भारद्वाज, उमर अहमद, यश अवस्थी, अंबर तिवारी, भरत कौशिक, निखिल नगवानी, फरहान खान आदि शामिल थे।
एनएसयूआइ के विरोध के बाद हटाए गए पोस्टर-
इधर कलेक्टर ने एनएसयूआइ के विरोध को देखते हुए एसडीएम और तहसीलदार को मौके पर जाकर जांच के निर्देश दिए। इस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने वहां पर लगे पोस्टर को हटवा दिए हैं। इधर पुलिस ने सीएम के कार्यक्रम के बाद एनएसयूआइ पदाधिकारियों को छोड़ा।