रायगढ़: थाना धरमजयगढ़ क्षेत्र अंतर्गत सड़क हादसे में डिप्टी रेंजर संजय तिवारी की मौत की गुत्थी सुलझते हुए पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित ने पुरानी रंजिश पर वारदात को अंजाम दिया है।
गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे धरमजयगढ़ मेन रोड़ कृषि उपज मंडी के पास एक बोलेरो वाहन की चपेट में आने से बाइक सवार सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी संजय तिवारी पिता गोकुल प्रसाद तिवारी ( 53) निवासी काष्टागर फॉरेस्ट कॉलोनी धरमजयगढ़ को गंभीर चोंटे आयी थी। उन्हें सिविल अस्पताल धरमजयगढ़ में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत बताया। थाना धरमजयगढ़ में मर्ग पश्चात अज्ञात के विरुद्ध धारा 304 ए आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना दरम्यान प्रत्यक्षदर्शी गवाहों एवं सीसीटीवी फुटेज से अज्ञात बोलेरो वाहन का पता लगाया गया। इसमें बोलेरो क्रमांक सीजी 13 यू ई 0377 द्वारा घटना कारित करने के साक्ष्य मिले।
पुलिस टीम तत्काल ग्राम बेहरापारा में दबिश देकर वाहन के चालक आरोपी बसंत कुमार यादव को हिरासत में लिया गया। आरोपित बसंत कुमार यादव का पूर्व से मृतक संजय तिवारी से रंजिश थी जिस पर बसंत यादव से पूछताछ करने पर उसने पुरानी रंजिश पर संजय तिवारी को बोलेरो वाहन से कुचल कर हत्या करना बताया। ऐसे में बसंत कुमार यादव पिता बालमुकुंद यादव (50) निवासी बेहरापारा थाना धरमजयगढ़ ने अपने बयान पर बताया कि उसकी पूर्व से संजय तिवारी से झगड़ा विवाद चला आ रहा था। उसने संजय तिवारी की हत्या की साजिश रच कर मौका की तलाश पर था। 16 मई के दोपहर बसंत यादव बोलेरो वाहन सीजी 13 यू ई 0377 से नागदरहा जा रहा था। उसी समय उसने मोटरसाइकिल पर संजय तिवारी को धरमजयगढ़ की ओर से आते देखा।
तब बसंत यादव ने गाड़ी को बैक कर संजय तिवारी के गाड़ी के पीछे से ठोंकर मारा जिससे संजय तिवारी के सिर, माथे में गंभीर चोटें आई और फरार हो गया। पुलिस ने प्रकरण में धारा 304 ए आईपीसी हटाकर आरोपित द्वारा हत्या कारित करना पाए जाने पर धारा 302 आईपीसी विस्तारित कर घटना में प्रयुक्त बोलेरो वाहन एवं वाहन के दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
हत्या के अपराध में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है । एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी के सतत पर्यवेक्षण में हत्या के मामले का 24 घंटे के भीतर पटाक्षेप में चौकी प्रभारी रैरूमाखुर्द उप निरीक्षक मनीष कांत, सहायक उप निरीक्षक डेविड टोप्पो, अमृत मिंज, आरक्षक संतलाल पटेल और विजय राठिया की विशेष भूमिका रही है।