सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मंगलवार को बताया कि भारतीय सेना ‘प्रोजेक्ट उद्भव’ के तहत महाभारत के युद्ध, प्रतिष्ठित सैन्य हस्तियों के वीरतापूर्ण कारनामों और शासन कला में भारत की समृद्ध विरासत अध्ययन कर रही है.
जनरल पांडे ने बताया कि ‘उद्भव’ परियोजना का उद्घाटन पिछले साल किया गया था और इसके तहत वेदों, पुराणों, उपनिषदों और अर्थशास्त्र जैसे प्राचीन ग्रंथों की गहराई से अध्ययन किया जा रहा है.
आर्मी चीफ़ ने कहा, “प्राचीन भारत के ज्ञान की जड़ें 5000 साल पुरानी नागरिक सभ्यता तक जाती हैं, जब ज्ञान और मूल्य आपस में जुड़े थे. इस विरासत का उदाहरण बौद्धिक साहित्य के विशाल भंडार, पांडुलिपियों के दुनिया के सबसे बड़े संग्रह और विभिन्न क्षेत्रों में विचारकों और संस्थाओं के ज़रिए देखा जा सकता है.”
सेना प्रमुख ने ‘हिस्टोरिकल पैटर्न्स इन इंडियन स्ट्रैटिजिक कल्चर’ सम्मेलन में ये टिप्पणियां कीं.
सेना प्रमुख ने कहा, “इस परियोजना (प्रोजेक्ट उद्भव) में वेदों, पुराणों, उपनिषदों और अर्थशास्त्र जैसे प्राचीन ग्रंथों का गहराई से अध्ययन किया गया है, जो परस्पर जुड़ाव, धार्मिक सोच और नैतिक मूल्यों पर आधारित हैं. इसमें महाभारत के युद्ध, मौर्य, गुप्त और मराठा के शासनकाल के समय की सामरिक उत्कृष्टता का अध्ययन किया गया है जिसने भारत की समृद्ध सैन्य विरासत को आकार दिया है.”