मुस्लिम स्कॉलर्स के संगठन मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड के फ़लस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने के फै़सले का स्वागत किया है.
एक बयान में संगठन के सेक्रेटरी जनरल मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा ने कहा है, “ये फ़ैसला फ़लस्तीनी लोगों की अपनी पहचान और अलग राष्ट्र के मूलभूत अधिकारों को लेकर वैश्विक जागरूकता में बदलाव को दिखाता है.”
उन्होंने इसे एक ज़िम्मेदार कदम बताया और अन्य मुल्कों से अपील की कि वो भी फ़लस्तीनी लोगों के मानवाधिकारों और क़ानूनी अधिकारों के लिए इस तरह के कदम उठाएं.
इससे कुछ देर पहले इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी बयान जारी कर इस फैसले का स्वागत किया था. नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनस गार स्तोर ने कहा है कि उनका देश फ़लस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देगा.
उन्होंने बताया कि आने वाली 28 मई को नॉर्वे फ़लस्तीन को स्वतंत्र देश मानेगा. माना जा रहा है कि नॉर्वे के बाद अब आयरलैंड और स्पेन भी फ़लस्तीन को देश के तौर पर मान्यता दे सकते हैं.
इस फ़ैसले के विरोध में इसराइल ने आयरलैंड और नॉर्वे से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है.
नॉर्वे के प्रधानमंत्री स्तोर ने कहा है कि ग़ज़ा में जारी जंग ने ये ‘बिल्कुल स्पष्ट’ कर दिया कि शांति और स्थिरता हासिल करने के लिए फ़लस्तीन की समस्या का सुलझना ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि नॉर्वे का मानना है द्वि-राष्ट्र समाधान इसराइल के लिए बेहतर है.
स्तोर ने कहा कि इस कदम से दूसरे देशों को इसी रास्ते पर चलने के लिए ‘कड़ा संदेश’ मिलेगा.