रायपुर: लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। देशभर के अलग अलग राज्यों में जहाँ भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा तोउ वही छत्तीसगढ़ में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 11 में से 10 सीटों पर कब्ज़ा जमाया हैं। हालाँकि यह पहला मौका नहीं हैं जब बीजेपी को यहाँ बड़ी बढ़त हासिल हुई हो। पिछली बार बस्तर गंवाने के बाद बीजेपी ने इस सीट पर वापसी की हैं। वही कोरबा में ज्योत्सना महंत का जलवा कायम रहा।
आंकड़ों और नतीजों पर नजर डाले तो प्रदेश के चार सीटों पर दुर्ग से भेजे गए नेता चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन इन सभी चारो नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा। इस तरह कहा जा रहा हैं कि छत्तीसगढ़ में दुर्ग के नेताओं की दुर्गति हुई हैं।
इनमें भूपेश बघेल का नाम शामिल हैं जिन्होंने इस बार राजनांदगांव से ताल ठोंका था। उन्हें भाजपा के संतोष पांडेय के हाथों 44 हजार 411 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
इन नेताओं में दूसरा नाम प्रदेश के पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू का आता हैं। कांग्रेस ने ताम्रध्वज को इस बार महासमुंद से अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन वह भी भूपेश बघेल की तरह कोई कमाल नहीं कर पाएं। बीजेपी की महिला उम्मीदवार रूप कुमारी चौधरी ने उन्हें 1 लाख 45 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से मात दी हैं।
इस लिस्ट में सबसे चर्चित नामों में शामिल रही भाजपा की महिला नेता सरोज पांडेय। सरोज पांडेय को आश्चर्यजनक तरीके से कोरबा सीट से उतारा गया था। पहले तो खुद भाजपा के स्थानीय नेताओं को यह प्लान समझ नहीं आया लेकिन कांग्रेस ने इसे भीतरी-बाहरी का मुद्दा बनाया। सरोज पांडेय को यहाँ ज्योत्स्ना महंत के हाथों 43 हजार 200 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
इस लिस्ट में आखिरी नाम हैं भिलाई क्षेत्र के युवा विधायक देवेंद्र यादव का। देवेंद्र यादव के सहारे इस बार कांग्रेस बिलासपुर फतह करने में जुटी हुई थी। ओबीसी वोटो की गोलबंदी से बिलासपुर सीट पाने का सपना कांग्रेस के लिए सपना ही बन कर रह गया। यहाँ साहू वोटरों का दबदबा कायम रहा और देवेंद्र यादव को तोखन साहू के हाथों 1 लाख 64 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली। देवेंद्र यादव को बाहरी उम्मीदवार होने का भी ख़ासा नुकसान झेलना पड़ा।