भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल को बड़ी राहत दी है। आयोग ने गूगल पर लगाए गए उस आरोप को खारिज कर दिया है कि जिसमें कहा गया था कि कंपनी फोनकर्ताओं की पहचान बताने वाले एप ट्रूकॉलर को अपने उपभोक्ताओं के कॉन्टेक्ट इन्फॉर्मेशन तक अनुचित पहुंच दे रही है।
शिकायतकर्ता रचना खेरा का कहना था कि गूगल ने ट्रूकॉलर को उपभोक्ताओं के फोनबुक तक अनुचित पहुंच देकर अपनी एप नीतियों का उल्लंघन किया है और बाजार में गैर निष्पक्ष वातावरण बनाया है। खेरा ने 2023 में प्रतिस्पर्धा आयोग में शिकायत देकर मांग की थी कि गूगल को उसकी एप नीतियों के सख्ती से पालन करना सुनिश्चित कराए और ट्रूकॉलर को निजी जानकारियां सार्वजनिक करने से रोका जाए। उन्होंने कॉलर आईडी एप के मामले में एकाधिकार कायम करने और इसकी अनुमति देने के मामले में गूगल पर जुर्माना लगाने और ट्रूकॉलर पर अस्थायी प्रतिबंध की भी मांग की थी। आयोग ने कहा कि इस मामले में गूगल के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
भेदभावपूर्ण व्यवहार का सबूत नहीं
आयोग के सामने गूगल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि व्यावसायिक प्रक्रिया के तहत ट्रूकॉलर को किसी तरह की तरजीह देने का सवाल नहीं उठता क्योंकि उसकी किसी भी व्यावसायिक व्यवस्था में विशिष्टता का कोई प्रावधान नहीं है। गूगल ने यह भी कहा कि खेरा ने भेदभावपूर्ण व्यवहार का कोई सबूत नहीं दिया है।