कैबिनेट विस्तार :कुर्ता, पायजामा और जैकेट सिलवाकर शपथ लेने का इंतजार कर रहे विधायकों को अभी और वेट करना होगा?

कैबिनेट विस्तार :कुर्ता, पायजामा और जैकेट सिलवाकर शपथ लेने का इंतजार कर रहे विधायकों को अभी और वेट करना होगा?

राजधानी रायपुर में बीजेपी की हाई प्रोफाइल बैठक हुई और उसी दिन देर रात राज्य सरकार ने मंत्री केदार कश्यप को संसदीय कार्यमंत्री का अतिरिक्त प्रभार सौंपने का आदेश जारी कर दिया। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद यह विभाग खाली था। कुछ दिन बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र है। विपक्ष खामोख्वाह इसे इश्यू बनाता, इसलिए सरकार को अतिरिक्त प्रभार का फैसला करना पड़ा। केदार कश्यप को संसदीय कार्य विभाग देने के बाद जाहिर है कम-से- कम विधानसभा सत्र से पहले अब मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा। मगर उसके बाद कब…? बीजेपी के शीर्ष सूत्रों की मानें तो कैबिनेट का विस्तार अब नवंबर के बाद तक जा सकता है। दरअसल, पार्टी को लग रहा कि मंत्रियों के दो पद खाली रखने का परिणाम नगरीय निकाय चुनावों में देखने मिल सकता है। मंत्री बनने की आस में सारे विधायक अपने-अपने इलाकों में लगकर काम करेंगे। जैसे लोकसभा चुनाव में काम हुआ। विधानसभा चुनाव में बिलासपुर में अमर अग्रवाल की लीड थी 28959 हजार, मगर लोकसभा चुनाव में बढ़कर 52432 हजार हो गई। याने लगभग डबल। इसी तरह रायपुर पश्चिम में राजेश मूणत की विस की लीड थी 41229 और लोस में 87 NEW कुरूद में अजय चंद्राकर जीते थे 8090 वोटों से और लोव में लीड मिली 24929 वोटों की। याने तीगुनी। इससे लगता है,

नगरीय निकाय में भी पार्टी को फायदा होगा। मगर सवाल यह भी है कि जिन मंत्रियों के इलाके में लोकसभा चुनाव में पार्टी की लीड बुरी कदर कम हुई या पिछड़ गई…. नगरीय निकाय चुनावों में पारफर्मेंस नहीं आया, तो क्या ऐसे मंत्रियों के लिए भी पार्टी रिप्लेसमेंट का कोई फार्मूला बनाएगी? क्योंकि, लोकसभा चुनाव में मोदी का भी असर था, नगरीय निकाय चुनाव विशुद्ध तौर पर मंत्रियों के लिए लिटमस टेस्ट होगा। बहरहाल, बात कैबिनेट विस्तार की, तो कुर्ता, पायजामा और जैकेट सिलवाकर शपथ लेने का इंतजार कर रहे विधायकों को अभी और वेट करना होगा।

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