इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( आईएमए ) के द्वारा पतंजलि के विज्ञापनो के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है !
जस्टिस हिमा कोहली एवं जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच ने लम्बे विचारण के बाद तल्ख़ लहजे में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के वकील को आदेशित किया, कि आपके चमत्कारिक राहत – आराम के वादे – दावे वाले विज्ञापन तत्काल बंद कराओ।
सुप्रीम कोर्ट का पतंजलि के प्रति रूख को देखकर डबल इंजन सरकार की उत्तराखंड राज्य अनुज्ञप्ति प्राधिकरण ने 24 अप्रैल 2024 को पतंजलि के 14 चमत्कारी और तत्काल राहत पहुंचाने का दावा करने वाले 14 दवा को प्रतिबंधित करने के लिए उनका लायसेंस निरस्त कर दिया।
इन 14 दवाईयों पर बैन लगाएं गये है –
1श्वासरि गोल्ड 2 श्वासरि वटी 3 ब्रोंकोम 4 श्वासरि प्रवाही 5 श्वासरि अवलेह 6 मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर 7 लिपिडोम 8 बीपी ग्रिट 9 मधुग्रिट 10 मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, 11 लिवामृत एडवांस 12 विवोग्रिट 13 आईग्रिट गोल्ड 14 पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप
पिछली सुनवाई के दौरान द्विसदस्यीय पीठ ने आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट तो दे दी है, लेकिन स्पष्ट शब्दों में कहा था, कि विज्ञापन बंद होना चाहिए एवं प्रतिबंधित दवाईयां के विक्रय पर सख्ती से रोक लगाना होगा, तद्नुसार अनुपालन की पुष्टि के लिए आप लोग हलफनामा पेश करें।
आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में 9 जुलाई 2024 को आदेश के अनुसार शपथपत्र प्रस्तुत कर दिया है।
बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष शपथपत्र प्रस्तुत करने के दो दिन बाद हिन्दुस्तान की प्रतिष्ठित पत्रिका हिन्दुस्तान टाइम्स ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए दिल्ली, पटना, लखनऊ एवं देहरादून के पतंजलि सेन्टर से प्रतिबंधित दवाईयों को जीएसटी भुगतान सहित खरीदा और बाकायदा उसका बिल भी ले लिया।
हिन्दुस्तान टाइम्स का स्टिंग ऑपरेशन उस समय हो रहा था जब बाबा रामदेव न केवल हिन्दुस्तान के बल्कि एशिया के सबसे अमीर आदमी अम्बानी पुत्र अनंत की शादी में मगन होकर नाच रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट के अवमानना का प्रमाण हिन्दुस्तान टाइम्स के अखबार की खबरों में है। जिसे पूरे हिन्दुस्तान ने पढ़ा है। अब 30 जुलाई 2024 की सुनवाई में बाबा रामदेव के वकील क्या कहते हैं, और सुप्रीम कोर्ट क्या करती है। देखना दिलचस्प होगा।