छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार में हुए कथित कोल लेवी और महादेव घोटाले की अलग से जांच कर रही राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार को दोनों ही केस में चालान पेश किया। चालान पेश करने की पूरी प्रक्रिया का पालन भी किया गया, लेकिन चालान की प्रति बचाव पक्ष के वकीलों को नहीं दी गई। चालान में डिटेल क्या है, इसका भी कुछ पता नहीं चला। कोल लेवी मामले के चालान में बस इतनी जानकारी मिली है कि करीब 8 हजार पन्नों का चालान है। वहीं, महादेव केस में पन्नों का भी पता नहीं चला। चालान में किस आरोपी पर क्या चार्ज लगाया गया है, इसकी भी कोई जानकारी बाहर नहीं आई है। यह जानकारी सिर्फ कोर्ट, एजेंसी और अभियोजन तक ही सीमित है।
कोल लेवी मामले में बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि चालान पेश कर दिया गया है, लेकिन चालान की कॉपी हमें नहीं मिली है। चालान में किए गए एजेंसी के दावों को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं है। बुधवार को चालान की कॉपी हमें मिलेगी, जिसके बाद ही उसमें दिए गए तथ्यों का पता चलेगा। जानकारी के मुताबिक कोयला घोटाला केस में निलंबित IAS समीर विश्नोई, मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन कुमार सिंह, पारेख कुमार कुर्रे, राहुल कुमार सिंह, मोंटू उर्फ वीरेंद्र कुमार जायसवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को चालान पेश करने के दौरान कोर्ट लाया गया। वहीं, सूर्यकांत तिवारी, पूर्व सीएम की उपसचिव सौम्या चौरसिया और निलंबित आईएएस रानू साहू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। चालान के पेश किए जाने का मतलब है कि अभी तक का आरोप पत्र, जांच, सभी तथ्य कोर्ट के सामने रखे गए। अभी इस पर कोई बहस नहीं हुई है।
दूसरी तरफ इसी कोर्ट में महादेव केस का भी चालान पेश किया गया। उसकी भी कोई जानकारी बाहर नहीं आई है, क्योंकि चालान की कॉपी बचाव पक्ष को नहीं दिया गया। इस केस के जेल में बंद सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी सतीश चंद्राकर, असीम दास, चंद्रभूषण वर्मा, कारोबारी भाई अनिल और सुनील दम्मानी समेत सभी आरोपी कोर्ट में पेश किए गए।