पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में निर्माण किए गए श्रीराम वन गमन पथ में गड़बड़ी व अनियमितता के मामले में जांच अभी तक लंबित है। साथ ही दूसरे चरण के काम पर अघोषित रूप से रोक लग चुकी है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट में कुल 75 स्थलों का चयन किया था, लेकिन गड़बड़ियों व अनियमितताओं की जांच की मांग उठने के बाद इस प्रोजेक्ट को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
राज्य सरकार ने दूसरे चरण के लिए किसी प्रकार का कोई बजट जारी नहीं की। बीते विधानसभा सत्र में सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा गड़बड़ियों को लेकर मामला उठाने के बाद साय सरकार ने श्रीराम वन गमन पथ प्रोजेक्ट में सोशल ऑडिट के माध्यम से जांच घोषणा की थी, लेकिन अभी तक सोशल ऑडिट को लेकर आदेश जारी नहीं किया गया है।
दूसरे चरण के कार्य को लेकर सरकार ने न तो पर्यटन विभाग से प्रस्ताव मंगाया और न ही हाल ही में प्रस्तुत होने वाले अनुपूरक बजट में इस प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक श्रीराम वन गमन प्रोजेक्ट में अब तक निर्माण एजेंसियों को 82 करोड़ के करीब का भुगतान हो चुका है, जिसमें अधूरे निर्माण कार्य के बाद भी एजेंसियों को 77 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि पर्यटन विभाग ने श्रीराम वन गमन प्रोजेक्ट के सौंदर्यीकरण व इसे पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए एजेंसियों से निविदा आमंत्रित की थी। इस मामले में जब पर्यटन विभाग के प्रबंध संचालक जितेंद्र शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट को लेकर सोशल ऑडिट का आदेश प्राप्त होते ही प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।
कांग्रेस ने कहा-सरकार की मंशा श्री राम वन गमन पथ बनाने की नहीं
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार की मंशा श्रीराम वन गमन पथ के दूसरे चरण का काम शुरू करने का नहीं है। यदि गड़बड़ी या अनियमितता है तो अभी तक सरकार ने जांच क्यों नहीं बिठाई। कांग्रेस ने इस प्रोजेक्ट को शुरू किया, जिसकी प्रसिद्धि देशभर में हुई। भाजपा इसे आगे बढ़ाना नहीं चाह रही है।
भाजपा की रामलला दर्शन योजना
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की श्रीराम वन गमन पथ योजना के मुकाबले वर्तमान में भाजपा सरकार श्री रामलला दर्शन योजना संचालित कर रही है, जिसके माध्यम से हर हफ्ते ट्रेन के जरिए 850 श्रद्धालुओं को श्रीराम लला का दर्शन कराया जा रहा है। सरकार बनने के बाद हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित साय मंत्रिमंडल ने अयोध्या में श्रीराम लला के दर्शन किए थे। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने राम वन गमन पथ के अंतर्गत 1450 किमी. में निर्माण कार्य करने का निर्णय लिया है।
किस एजेंसी को कितना भुगतान हुआ
टीसीआइएल 35.31 करोड़ रुपये
वाप्कोस- 36.82 करोड़ रुपये
वन मंडल अधिकारी, बलौदाबाजार-2.5 करोड़ रुपये
वन मंडल अधिकारी, सरगुजा- 4 करोड़ रुपये
कहां कौन से कार्य अधूरे
चंदखुरी : पार्किंग स्थल, कैफेटेरिया, पर्यटन सूचना केंद्र, शौचालय, पर्यटन सूचना केंद्र, बैंकिंग सुविधा आदि। शिवरीनारायण- दीप स्तंभ, एलईडी ब्राडिंग, घाट विकास, बाउंड्रीवाल आदि।
सिहावा : यज्ञशाला, काटेज, घाट पाथ-वे, दीप स्तंभ आदि।
राजिम : लैंडस्केपिंग, बिजली का कार्य, पार्किंग, अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम।
पहले चरण में यहां कार्य
सीतामढ़ी हरचौका (भरतपुर),रामगढ़ (रामगिरि पर्वत), शिवरीनारायण (शिवरीनारायण), तुरतुरिया (वाल्मिकी आश्रम), माता कौशल्या मंदिर (चंद्रखुरी), चंपारण (माण्डव्य आश्रम), लोमस ऋषि आश्रम (राजिम), श्रृंगी ऋषि एवं सप्तर्षि आश्रम (सिहावा), रामाराम (सुकमा)।