वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद वहां के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने क्षेत्र का दौरा किया. राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी भी वायनाड दौरे पर मौजूद रहीं.
अपने दौरे के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए राहुल ने कहा, “यहां पर जो लोग भी बचाव कार्य कर रहे हैं मुझे उन सभी पर गर्व महसूस हो रहा है. मेरे लिए यह निश्चित ही एक राष्ट्रीय आपदा है लेकिन देखते हैं कि सराकर इस पर क्या कहती है.”
राहुल ने अपने बयान में कहा, “मुझे लगता है कि अभी लोगों की सहायता का समय है ना कि राजनीति का. अभी यह निश्चित करने का समय है कि जो भी लोग सदमे में हैं उनको मेडिकल सहायता मिले.”
राहुल ने कहा कि मुझे अभी इस मामले पर राजनीति करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. बल्कि मेरी दिलचस्पी वायनाड के लोगों और उनकी भलाई में है.
उन्होंने कहा, “मुझे इस त्रासदी को देखकर ऐसा ही महसूस हो रहा है जैसा मुझे अपने पिता की मृत्यु के समय महसूस हुआ था. यहां कई लोगों ने ना सिर्फ अपने पिता को खोया है बल्कि कई लोगों का तो पूरा परिवार ही उजड़ गया है.”
उन्होंने कहा, “मुझे इस त्रासदी को देखकर ऐसा ही महसूस हो रहा है जैसा मुझे अपने पिता की मृत्यु के समय महसूस हुआ था. यहां कई लोगों ने ना सिर्फ अपने पिता को खोया है बल्कि कई लोगों का तो पूरा परिवार ही उजड़ गया है.”
राहुल ने बयान दिया कि मुझे गर्व है कि कई लोग वायनाड के साथ खड़े हैं. यहां तक कि पूरे देश का ध्यान इस समय वायनाड पर है.
वायनाड में सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात हुए भूस्खलन में अब तक 178 लोगों को की मौत हो चुकी है. कई लोग अब भी लापता हैं.
भूस्खलन में मरने वालों में 81 पुरुष, 71 महिलाएं और 26 बच्चे शामिल हैं.
वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद बचाव कार्य को लेकर 88 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जिसमें 8627 लोगों को रखा गया है.
सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात एक से चार बजे के बीच तीन भूस्खलनों ने वायनाड के चूरालमाला, मुंडाक्कई जैसे इलाकों में भारी तबाही मचाई थी.