करीम भाई इब्राहीम ने अपनी पुश्तैनी जमीन को 1986 में महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड से यह वादा लेकर वक्फ किया था, कि वक्फ बोर्ड इस जमीन पर यतीमखाना और शिक्षण संस्थाओं का निर्माण करेगी।*
वक्फ बोर्ड ने करीम भाई इब्राहीम से ख़यानत कर अनाथालय एवं स्कूल बनाने के बदले रईस अंबानी को वह जमीन कायदे कानून को ताक पर रख बेच दिया। अंबानी ने अपने आवास के लिए एंटीलिया बना दिया !
वक्फ बोर्ड ने नियम के विपरीत अपेक्षित एक तिहाई के बहुमत के बदले 9 मेम्बर्स की कमेटी में से सिर्फ 5 मेम्बरो को किसी तरह राजी कर करीम भाई इब्राहीम द्वारा वक्फ की हुई जमीन को बेच दिया। जिस बेशकीमती जमीन को मुम्बई वक्फ बोर्ड ने मुकेश अंबानी के पास बेचा है। अंबानी ने उसी जमीन पर दुनिया के सबसे कीमती बकिंघम पैलेस की तुलना और तर्ज़ पर अंबानी ने एंटीलिया बनाया है। यह सौदा साल 2002 में सम्पन्न हुआ था। यह जमीन दुनिया में सबसे अलग प्रकार की है, अलग प्रकार के इस जमीन का अब आकार जान लेते हैं – 4,532.39 स्क्वेयर मीटर वाला प्लॉट केवल 21.5 करोड़ रुपए में अंबानी ने खरीदा है। वक्फ – अंबानी की यह डील शुरू से ही विवादों में रही है, फलस्वरूप मुम्बई हाईकोर्ट में इस खरीदी एवं अपनायी गई खरीद प्रक्रिया को चुनौती दिया गया है। अत्यधिक रसूखदार धनवान समूह का हित प्रभावित न हो इसलिए साजिशाना तरीके से कोर्ट में तारीख पे तारीख की तूती बोल रही है।
जैसे की हमनें पहले के पोस्ट में उल्लेख किया है, कि मोदी सरकार अगस्त 2023 में नोटिस जारी कर वक्फ बोर्ड की समस्त सम्पत्तियों को अपने अधीन करने का प्रयास किया, जब सफल न हो सके तो अब वक्फ कानून को संशोधन करने के बहाने परिवर्तन करने का मनसूबा बनाया है।
केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल 2024 के जरिए 44 संशोधन करने जा रही है। घोषित तौर पर सरकार कह रही है कि यह बिल लाने का उद्देश्य वक्फ के संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन है। वक्फ कानून का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम 1995 होगा। केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में मुस्लिम और गैर मुस्लिम का उचित प्रतिनिधित्व होगा। मुस्लिम समुदायों में अन्य पिछड़ा वर्ग, शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानी का प्रतिनिधित्व होगा। इसके साथ ही महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. केंद्रीय परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं को रखना अनिवार्य होगा। महिलाओं को शामिल किये जाने का विरोध शायद न हो लेकिन विभिन्न फिरकों को शामिल करना व्यवहारिक तौर पर कैसे मुनासिब हो सकता है। बिल जब सार्वजनिक होगा तब पता चलेगा कि वास्तव सरकार की नीयत नियति और उद्देश्य क्या है।
लोकतंत्र में किसी भी तरह के संशोधन – परिवर्तन आमसहमति एवं संबंधित समुदाय का भरोसा जीतकर करना श्रेयस्कर होता है। ऐतिहासिक तौर पर वक्फ बोर्ड एक समुदाय विशेष की संवैधानिक संस्था रही है। इस समुदाय का प्रतिनिधित्व संख्याबल तो आपके पास है ही और न ही, चिन्तन और चिन्ता आपकी नीतियों – योजनाओं में कहीं नजर नही आ रही है। ये सरकार बहुमत के बल पर फैसला लेती रही है, वक्त का यह तकाजा है, वक्फ पर संविधान आधारित फैसला लेना सर्वमान्य होगा।
अंबानी को जमीन बेचने से वक्फ की कार्यप्रणाली की निन्दा की जाती रही है, लेकिन तमिलनाडु वक्फ बोर्ड की जमीन पर इजाजत लेकर तिरूचिरापल्ली के लोग मंदिर बनाकर पूजा पाठ, खेती और बागवानी कर रहे हैं। कुदरतन भाई – चारे को कानून बनाकर न रोका जा सकता है, और न हुकूमत अपने मुताबिक सत्ताहित के में कथित भाईचारा का प्रदर्शन कर सकती है।
सितंबर 2022 का विडियो,आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल मुकेश अंबानी के घर को वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना बताए और कहा कि अगर महाराष्ट्र में उनकी सरकार होती तो उनके घर को तोड़ डाला गया होता।
मुस्लिमों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल इस वीडियो में कह रहे हैं, “कभी भी जरूरत पड़े आपको… तन, मन, धन से केजरीवाल और दिल्ली सरकार पूरी तरह से वक्फ बोर्ड के साथ है। बंबई के अंदर इस देश का जो सबसे अमीर आदमी है, बताते हैं उसका घर वक्फ बोर्ड (Wakf board) की प्रोपर्टी पर बना हुआ है।” इसके बाद वह वहाँ मौजूद से लोगों से पूछते हैं, “मैं गलत तो नहीं कह रहा?” देखिए वीडियो…