मौन प्रश्न के ज़रिए देश पूछ रहा है कि इस हैवानियत पर कैसे रोक लगेगी ?

मौन प्रश्न के ज़रिए देश पूछ रहा है कि इस हैवानियत पर कैसे रोक लगेगी ?

गीता चोपड़ा से दुष्कर्म – हत्या करने के लिए रंगा – बिल्ला को 31 जनवरी 1982 को फांसी दी गई। निर्भया से दुष्कर्म – हत्या करने वाले आरोपियों को 20 मार्च 2020 को फांसी दी गई। कलकत्ता की डाॅक्टर बहन के पापी दुष्कर्मी संजय राय को ऐसी सजा मुकर्रर की जाएं ताकि अपराध जगत और उसके खैरख्वाह, राजनीतिक संरक्षण देने वाले तौबा करने को विवश हो जाएं।*

26 अगस्त 1978 को सुश्री गीता चोपड़ा धौलाकुआं से अपने छोटे भाई संजय चोपड़ा के साथ ऑल इंडिया रेडियो में अपना गाना रिकार्डिंग करने जा रही थी, कि रास्ते में कुख्यात बदमाश रंगा (असली नाम कुलजीत सिंह ) बिल्ला ( असली नाम जसगीतसिंह ) चोरी के फिएट कार में लिफ्ट दिया और सुनसान इलाके में ले जाकर दोनों ने दुष्कर्म कर जान से मार दिया। घटना हृदयविदारक रौंगटे खड़े करने वाला है, लेकिन खेद के साथ संक्षिप्त में लिख रहा हूं।

16 दिसम्बर 2012 को निर्भया अपने साथी अवनींद्र के साथ लौट रही कि, रास्ते में एक बस में सवारी करते हैं, अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बस ड्राइवर सहित 6 लोगो के दरिंदों की टोली निर्भया से दुष्कर्म किया और उसकी जीवन ‌लीला समाप्त कर‌ दिया।

10 जनवरी 2018 जम्मू – कश्मीर के कठुआ के पास रसाना गांव में छह पुरुषों और एक किशोर द्वारा 8 वर्षीय मुस्लिम लड़की आसिफा बानो का अपहरण कर 7 दरिंदों ने सामूहिक बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध किया।

14 सितंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित युवती का चार युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किया गया। घटना के दो हफ़्ते बाद युवती की दिल्ली के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई।

8 अगस्त 2024 को राधागोविंद कर शासकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, श्यामबाजार कलकत्ता में इंसानियत के दुश्मन एक पापी ने मरीजों की देखभाल और उपचार करने के बाद थककर सो रही ट्रेनी डाॅक्टर के साथ दुष्कर्म कर जान से मार डाला। इस घटना से गुस्साए देश भर के डाॅक्टर्स अस्पताल विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं।

शहीद अस्पताल दल्लीराजहरा ने आदिवासी क्षेत्र में प्रदर्शन का नायाब तरीका अपनाते हुए मौन – जुलूस निकाला !

मौन जुलूस में संजीवनी अस्पताल, आरोग्य अस्पताल, ज्योति अस्पताल के डॉक्टर्स – नर्सेस के साथ भारत नर्सिंग महाविद्यालय, गौतम नर्सेस महाविद्यालय, मारोती नर्सेस महाविद्यालय के साथ यूनियन प्रतिनिधियों ने सत्ता प्रतिष्ठान एवं स्थानीय प्रशासन से अपने चीखते किन्तु मौन प्रश्न के ज़रिए पूछा कि इस हैवानियत पर कैसे रोक लगेगी ?

भारत के इतिहास में जनसरोकार से जुड़े मुद्दे – मसले पर, दमन, उत्पीड़न, जुल्मों – सितम के आगे कोई चुनावबाज पार्टियां नही जनसंगठन, मजदूर यूनियने, किसान संगठन, दलित, आदिवासी संगठन, क्रांतिकारी पार्टियां ही पहले आगे आकर मोर्चा लेतीं रही है। हमारी राष्ट्रीय चुनावबाज पार्टियां तो सूबे में किस पार्टी की सरकार है विश्लेषण आंकलन के बाद ही अपने आन्दोलन की शुरुआत करती है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने ट्रेनी डाॅक्टर के दुष्कर्म हत्या के मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया !

Chhattisgarh Special