उत्तराखण्ड में नर्स का, पश्चिम बंगाल में डाॅक्टर का, बिहार में एक दलित छात्रा का, उत्तरप्रदेश में एक अबोध बच्ची के बलात्कार ने सरकारो को नंगा कर दिया है !
30 जुलाई को नर्स तसलीमा जहां का, 9 अगस्त को डॉ मौमिता देबनाथ का फिर 14 अगस्त को एक दलित बेटी का और इसी दिन एक अबोध बेटी का पूरी हैवानियत के साथ दुष्कर्म किया जाता है।
रूद्रपुर, उत्तराखण्ड
हर दिन की तरह 30 जुलाई 2024 की शाम निजी अस्पताल से अपना काम निपटाकर 33 वर्षीया तसलीमा जहां अपने घर अम्बेडकरनगर कालोनी के लिए जा रहीं थीं, उसके घर का रास्ता जरा सुनसान पड़ता है, इस मौके का फायदा उठाकर दरिंदे ने तसलीमा जहां को पकड़ कर झाड़ियों में ले जाकर उसके साथ जबरदस्ती करता है, तसलीमा द्वारा विरोध करने पर उसके सर पर एक बड़ा सा पत्थर पटक कर कुचलकर मार डालता है।
दरभंगा, बिहार
दरभंगा जिला के एक गांव की दलित परिवार की 13 वर्षीया बेटी पढ़ाई के बाद अपने माता पिता के साथ खेतों में हाथ बंटाया करती थी। 3 अगस्त 2024 को अपनी दो सहेलियों के साथ खेतों से घास कांटकर आ रही थी, कि रास्ते में उसके घास का गट्ठर कमजोर बंधन के कारण खुल जाता है, किशोरी अपनी सहेलियों से कहती हैं जाकर अम्मा से कह दो हमारा गट्ठर खुल गया है। लड़कियां चलीं जाती है, अकेलेपन का फायदा उठाकर चार – पांच दबंग लड़के उस मासूम के साथ इंसानियत की सारी हदें पर कर हैवानियत का कहर बरपाते है।
कोलकाता, पश्चिम बंगाल
जिस प्रदेश में महिला मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री हो और उस राज्य की 31 वर्षीया डॉक्टर मौमिता देबनाथ के हत्या और दुष्कर्म के कातिलों को वहां की पुलिस गिरफ्तार न कर सकें तो इसका सीधा मतलब होता है, सरकार अपराधियों और अस्पताल प्रशासन को बचा रही है। यह घटना 9 अगस्त 2024 की दरम्यानी रात डॉ राधागोविंद कर शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोलकाता की है
मुजफ्फरपुर, बिहार
आजादी से केवल दो दिन पहले 12 अगस्त 2024 को ग्राम लालू छपरा जिला मुजफ्फरपुर बिहार की कक्षा नवमीं की 14 वर्षीया दलित छात्रा पर गांव के दबंग शादीशुदा संजय यादव ने पहले उससे शादी करने का दबाव बनाया उसके मना करने पर उसका स्तन कांट दिया, प्राईवेट पार्ट में चाकू मारकर उसकी हत्या कर दिया। उस मासूम का शव गांव के पास एक पोखर में मिला।
झांसी, उत्तरप्रदेश
झांसी के सदरबाजार थाना क्षेत्र में 30 साल के एक मर्द ने केवल 3 साल की अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म करता है, और मर जाने के लिए उसे एक नाले में फेंक देता है। पतासाजी करने के बाद परिजन उसे मरणासन्न स्थिति में अस्पताल ले जाते हैं। वह बच्ची जीवित है अथवा काल कलवित हो गयी है, किसी भी गाल बजाऊं चैनलों ने इसकी खबर नही दी है। जानकारी के मुताबिक यह घटना भी 14 अगस्त 2024 की है।
सेलेक्टेड एप्रोच का त्याग करो !
घटना की वीभत्सता देखकर नही सत्तारूढ़ सरकार की पार्टी देखकर विरोध का गाल बजाने वालो और अपनी पार्टी का सरकार देखकर अपराधिक खामोशी अख्तियार करने वालो इतिहास में आपकी यह अपराधिक भूमिका अक्षम्य है।