नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से कहा कि वो जम्मू-कश्मीर की भलाई के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के ख़िलाफ़ अपने उम्मीदवार न उतारे.
उन्होंने कहा कि इन पार्टियों (एनसी, कांग्रेस और पीडीपी) का एजेंडा एक जैसा ही है. साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के नेतृत्व वाली इस पार्टी पर एनसी के घोषणापत्र की नक़ल करने का आरोप लगाया.
उमर अब्दुल्ला के इस बयान से एक दिन पहले ही महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी से गठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया था.
उन्होंने कहा था, “पीडीपी के लिए ताक़त और सीट मायने नहीं रखती. हमारी पार्टी एनसी-कांग्रेस को समर्थन देगी, अगर वो हमारा एजेंडा स्वीकार करते हैं.”
अमित शाह के लिए क्या बोले?
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शुक्रगुज़ार हैं कि उन्होंने पार्टी के घोषणापत्र पर ध्यान दिया. ये बड़ी बात है कि उन्होंने देश के दूर दराज के क्षेत्र में चुनाव लड़ रही एक छोटी पार्टी के घोषणापत्र को देखा.
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग इसे पढ़ने के लिए तैयार नहीं थे, वो भी इसे पढ़ने को मजबूर हुए. लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि गृह मंत्री को इसमें केवल एक ही पैरा नज़र आया.
उन्होंने कुछ ऐसी बातें भी कहीं, जो हमारे घोषणापत्र में नहीं हैं.
जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटों पर चुनाव होगा. इसके लिए तीन चरण में- 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को मतदान होगा जबकि नतीजा चार अक्टूबर को आएगा.