रायपुर। राजधानी रायपुर के घर, गली-मोहल्लों में विराजित की जाने वाली गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए महादेव घाट का कुंड तैयार हो चुका है। नगर निगम द्वारा कुंड की सफाई करा दी गई है। शहर की छोटी-बड़ी लगभग दस हजार प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए यही मात्र एक कुंड है। बाकी जगहों पर नगर निगम प्रशासन प्लास्टिक के ड्रम रखकर अस्थायी विसर्जन कुंड की व्यवस्था हर वर्ष करता है।
जोकि एनजीटी के नियमों के विरुद्ध है, क्योंकि हर वर्ष यह देखने में आता है कि लोग तालाब में छोटी-बड़ी सभी तरह की गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कर देते हैं। यह भी देखने में सामने आया है कि इन प्रतिमाओं का ढांचा कई महीने तक तालाब में पड़ा रहता है। इसकी सुध तक निगम के जिम्मेदार नहीं लेते हैं।
विसर्जन कुंड की कराई सफाई
नगर निगम के जोन-8 द्वारा महादेव घाट विसर्जन कुंड की सफाई करा दी गई है। यहां पर मूर्तियों के विसर्जन की तैयारी जोन की टीम ने शुरू कर दी है। मिली जानकारी अनुसार कुंड में पानी भरने और निकासी की व्यवस्था को दुरुस्थ्य किया जा रहा है। हालांकि हर वर्ष की तरह वर्ष भी यहां पर बड़ी मूर्तियों को विसर्जित करने की चुनौती नगर निगम के पास रहेगी। लगभग 1500 से अधिक बड़ी मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए निगम की टीम को काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कुंड में कई कमियां
महादेवघाट में विसर्जन के लिए बनाए गए कुंड में कई कमियां हैं। एनजीटी के नियमों के अनुसार कलरफुल पानी की निकासी नदी में नहीं होनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है। मिली जानकारी के अनुसार कुंड का पानी नदी में छोड़ा जाता है। हालांकि निगम के अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा कुंड का पानी नदी में नहीं छोड़ा जाता है।
नगर निगम रायपुर के अपर आयुक्त विनोद पाण्डेय ने कहा, शहर की गणेश प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए नगर निगम द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शहर के मुख्य तालाबों के पास अस्थायी विसर्जन कुड भी हर वर्ष की तरह रखे जाएंगे। यहां पर लोगों द्वारा छोटी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।