ढाई साल की बच्ची के साथ एक युवक ने दुष्कर्म के साथ ही अप्राकृतिक यौन संबंध भी बनाया। मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम श्रेणी एफटीएससी (पाक्सो अधिनियम) ने दुष्कर्म के आरोपित युवक को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 500 रुपये का जुर्माना भी ठोंका है। एफटीएससी ने अपने फैसले में कड़ी टिप्पणी करते हुए लिखा है कि, अभियुक्त का कृत्य न केवल समाज पर बुरा प्रभाव डालता है बल्कि उस अवयस्क के मानसिक दशा पर भी बुरा प्रभाव छोड़ता है।
मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम श्रेणी एफटीएससी (पाक्सो अधिनियम) के कोर्ट में हुई। अभियुक्त की तरफ से बचाव करते हुए अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि अभियुक्त 14 जनवरी 2023 से लगातार न्यायिक अभिरक्षा में है, अतः अधिक दण्ड दिए जाने से ना केवल अभियुक्त का ही नहीं, बल्कि उसके पूरे परिवार का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। अतः अभियुक्त को न्यूनतम दण्ड से दण्डित किए जाने का निवेदन कियागया। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपित के अधिवक्ता की दलीलों और अनुरोध को खारिज करते हुए दुष्कर्म के आरोपित को 20 साल की सजा सुनाने के साथ ही जुर्माना ठोंका है। दुष्कर्म का आरोपित 14 जनवरी 2023 से जेल में बंद है। लिहाजा आगे भी सजा चलती रहेगी।
क्या है पूरा मामला
पीड़िता बच्ची की मां ने 14 जनवरी 2023 को थाना-रतनपुर में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा था कि वह नारियल दुकान लगाती है। उसके दुकान में आरोपित शिवमंगल सूर्यवंशी (21) पिछले 12 वर्ष से काम कर रहा था। जो तीन माह पूर्व से काम पर नहीं आ रहा था। वह ओडिशा में फूल दुकान में काम करने गया था। 14 जनवरी 2023 को उसके दुकान पर सुबह लगभग 9.30 बजे वह दोबारा काम करने आया और उसके बाद मंदिर में माला छोड़ने गया था। माला छोड़कर दुकान वापस आया, तब उसने युवक को घर से छोटी बेटी को लेकर आने कहा।क्योकि, कई सालों से वह काम कर रहा था, इस वजह से महिला ने उस पर भरोसा जताते हुए बेटी को लेने के लिए भेज दिया। आरोपित ने उसके बड़े बेटे को मैगी लेने दुकान भेज दिया और उसकी पुत्री के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। फिर 11 बजे बेटी और बेटे को लेकर दुकान आया। छोटे बेटे और बच्ची ने घटना के बारे में जानकारी दी। तब पुलिस से इसकी शिकायत की गई।