ध्वनि प्रदूषण: डीजीपी ने हाई कोर्ट को बताया, हर जिले में पुलिस अधीक्षकों को दी गई जवाबदारी

ध्वनि प्रदूषण: डीजीपी ने हाई कोर्ट को बताया, हर जिले में पुलिस अधीक्षकों को दी गई जवाबदारी

हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान में ली गई ध्वनि प्रदूषण से संबंधित जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए राज्य शासन से कहा है कि, पूरे प्रदेश में आगे क्या कार्रवाई होगी इसे निश्चित करें। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने डीजे और कोलाहल नियंत्रण के संबंध में अपना शपथपत्र पेश कर नियंत्रण व निर्देशों के परिपालन की जानकारी दी। सुनवाई के दौरान डीजीपी ने शपथ पत्र के साथ जवाब पेश किया। डीजीपी ने कोर्ट को बताया कि ध्वनि प्रदूषण को लेकर की जा रही पूरी कार्रवाई और कार्य योजना तैयार कर ली गई है। इस पर अमल शुरू हो गया है। हर जिले में पुलिस अधीक्षकों को जवाबदारी दी गई है।

नागरिक संघर्ष समिति रायपुर और कई अन्य नागरिकों ने आम त्योहारों और शादी समारोह में तेज आवाज के साथ बजाए जाने वाले डीजे को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। कानफोड़ू शोर के कारण एक छोटे बच्चे की मौत होने की खबर को भी हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया है। हाई कोर्ट में दोनों जनहित याचिका की एकसाथ सुनवाई चल रही है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीविजन बेंच में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि कोर्ट के निर्देश कापालन नहीं हो रहा है। नियमों व आदेशों का शब्दशः पालन कराने का निर्देश दिया था। डीजे द्वारा देर रात तक किए जा रहे ध्वनि प्रदूषण पर कोर्ट ने कहा कि, आम आदमी करेगा क्या। लगता है ला एंड आर्डर रह ही नहीं गया है। कोर्ट ने कहा कि, डीजे बजाने पर जो प्रतिबंध लगाया गया है उसके नियमों का पालन नहीं हो रहा है और अभी भी डीजे बजाने की शिकायतें मिल रही है। साथ ही घटनाएं भी हो रही हैं। प्रशासन ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन नहीं करा रहा है। जनहित याचिका की बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान डीजीपी ने अपने शपथ पत्र में ध्वनि प्रदूषण को लेकर की जा रही पूरी कार्रवाई और कार्य योजना का उल्लेख किया करते हुए बताया कि हर जिले में पुलिस अधीक्षकों को जवाबदारी दी गई है।

कोर्ट ने प्रदेशभर के कलेक्टरो को निर्देश जारी किया था कि ध्वनि प्रदूषण पर कोर्ट के आदेशों और नियमों का पालन करें। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर नहीं करेंगे तो हम मानेगें कि, जिला कलेक्टर ही इसका पालन नहीं करना चाहते। आदेश की प्रति सभी जिला कलेक्टर को भेजने के आदेश भी दिए गए थे।

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