गृह विभाग सचिव के आदेश को हाई कोर्ट ने किया खारिज

गृह विभाग सचिव के आदेश को हाई कोर्ट ने किया खारिज

सहायक लोक अभियोजक की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सचिव गृह विभाग के आदेश को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सचिव गृह विभाग के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सचिव गृह विभाग को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता को सुनवाई का पर्याप्त अवसर देते हुए विधि अनुरुप कार्रवाई करें।

राकेश कुमार सिंह, जिला बीजापुर में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी (एडीपीओ) के पद पर पदस्थ थे। उक्त पदस्थापना के दौरान उनके पुत्र का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वे संचालनालय, लोक अभियोजन विभाग रायपुर में आयोजित समीक्षा बैठक में उपस्थित नहीं हो सके थे। संचालक, लोक अभियोजन रायपुर ने राकेश कुमार सिंह को स्पष्टीकरण जारी कर जवाब के पश्चात उन्हें निंदा की सजा से दण्डित कर दिया। दण्डादेश के विरूद्ध सचिव, गृह विभाग के समक्ष अपील प्रस्तुत की थी।

प्रकरण की सुनवाई के बाद सचिव, गृह विभाग द्वारा अतार्किक एवं नान स्पीकिंग आदेश पारित करते हुए अपील निरस्त कर दी गई। सचिव गृह विभाग के आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता पांडेय ने कहा कि संचालक, लोक अभियोजन द्वारा याचिकाकर्ता द्वारा पेश जवाब जो पूरी तरह विधिक एवं तथ्यगत आधारों पर ध्यान ना देते हुए याचिकाकर्ता को निंदा की सजा दी गई। अपीलीय प्राधिकारी सचिव, गृह विभाग ने याचिकाकर्ता को बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए एवं सुनवाई का अवसर दिए बिना पारित निंदा की सजा को सही ठहराते हुए उनकी अपील को खारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट सचिव गृह विभाग द्वारा जारी अतार्किक आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सचिव के समक्ष पुनः अभ्यावेदन पेश करने एवं सचिव, गृह विभाग को याचिकाकर्ता को सुनवाई का पर्याप्त अवसर देते हुए मामले का नियमानुसार निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।

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