राजनीतिक हत्या में गैंगस्टर महज़ मोहरा ही हो सकता है, हत्यारा हुकूमत का कोई राजनीतिक चेहरा होता है।

राजनीतिक हत्या में गैंगस्टर महज़ मोहरा ही हो सकता है, हत्यारा हुकूमत का कोई राजनीतिक चेहरा होता है।

शेख अंसार की कलम से

तिहाड़ जेल – 1956 में बने इस जेल का नाम तिहाड़ इसलिए पड़ा क्योंकि यह दिल्ली के करीब तिहाड़ गांव में बनाया गया है। यह केवल भारत नहीं बल्कि एशिया का सबसे बड़ा जेल जो तकरीबन 400 एकड़ रकबा में यह जेल बसाया गया है, इसकी बंदी क्षमता दस हजार है। रायपुर, बिलासपुर जैसे नौ केन्द्रीय जेल वर्तमान में इसके चहारदीवारी के मातहत है।

साबरमती जेल – 1895 में साबरमती जेल की स्थापना हुई थी। इस जेल का नाम साबरमती नदी के कारण साबरमती जेल पड़ा। यह जेल साबरमती नदी के तट पर अहमदाबाद शहर के मध्य अहमदाबाद रेल्वे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह लगभग 65 एकड़ में निर्मित है, इसकी बंदी क्षमता पैंतीस सौ की है। राजस्थान के अरावली पर्वत से निकलने वाली साबरमती नदी गुजरात से गुजरते हुए अरब सागर में समाहित हो जाती है।

ताबड़तोड़ हत्याओं के आरोप में तिहाड़ जेल में अप्रैल 2023 से निरूद्ध लारेंस बिश्नोई को गुजरात एटीएस एक ड्रग्स केस के सिलसिले में तिहाड़ से साबरमती जेल लाती है। जांच में सारी बातें स्पष्ट हो जायेगी, सुविज्ञ सूत्रों की मानें तो तिहाड़ से अधिक सुविधाएं उपलब्ध थी।अन्य सुविधा सहित साबरमती जेल में लारेंस बिश्नोई को फोन – वीडियो काॅल की सुविधा मिल रही है।

आतंक का पर्याय दाऊद इब्राहिम की डी कम्पनी का आतंक ढलान पर लुढ़का वैसे ही लारेंस की शार्प शूटर कम्पनी अस्तित्व में आने लगी।

पुलिस सूत्र बताते हैं,जेल में बंद होने के बावजूद लारेंस बिश्नोई दहशत और आतंक के कारखाने का संचालन कर रहा है। किसी कारखाना के मानिंद इस कम्पनी में करीब सात सौ प्रशिक्षित शार्प शूटर नियोजित है। दशहरे के दिन अधिक भीड़ होने के बावजूद तीन शूटरों ने बाबा सिद्दीकी को मौत के घाट उतार दिये। मुम्बई पुलिस ने इस मामले में हरियाणा के गुरमेल बलजीत सिंह (23) उत्तरप्रदेश निवासी धर्मराज कश्यप (19) को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि गोलीबारी के बीच भीड़ का फायदा उठाकर तीसरा आरोपी भागने में सफल हो गया।

साबरमती एक्सप्रेस, साबरमती नदी, साबरमती रेल्वे स्टेशन, साबरमती आश्रम, साबरमती रिवर फ्रंट, साबरमती काॅलेज, साबरमती स्टेडियम, साबरमती पावर स्टेशन, साबरमती नदी महोत्सव यहां तक तो बहने वाली साबरमती का स्वच्छ जल हम सबको गौरवान्वित करती हैं। लेकिन साबरमती जेल से किसी इंसान के हत्या का षडयंत्र रचने से पवित्र साबरमती के निर्मल धारा में खून के छींटें दिखाई दे रहे हैं।

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