“शेख अंसार की कलम से”
सरकारी लापरवाही और अनदेखीपन से मौत के सिलसिले ने बच्चों के स्कूल को श्मशान बना देता है, कोरोनाकाल में गंगा की लहरों में लाशें तैरती है, गोरखपुर के बाबा राघव दास ( BRD) मेडिकल कॉलेज में 60 बच्चे आक्सीजन के अभाव में मां की गोद से मौत की आगोश में समा जाते हैं। कल लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी में भर्ती बच्चो में से 10 बच्चे शार्ट सर्किट की चपेट में आकर बिना किसी विधि – विधान के बच्चों का दाह संस्कार हो जाता है।
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी के डीन, प्रिंसिपल, प्रशासक, सरकार का यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि अपराधिक लापरवाही है। लापरवाही की पराकाष्ठा तो देखिए पता नही कब से स्पार्किंग का धुआं निकल रहा था जिसे किसी सरकारी अधिकारी कर्मचारी, डॉक्टर्स, नर्सेज या अस्पताल के प्रशासक ने नही अपितु इलाज के बदले मौत पा चुके नवजात बच्चों की माताओं ने देखा, वे अपनी साधनहीनता के बावजूद बच्चों को इस भयंकर अग्निकाण्ड से बचाने का हर मुमकिन प्रयास किया। नवजातों के माता-पिता इस भयंकर अग्निकाण्ड में बगैर बच्चों का शिनाख्त किए जो बच्चा हाथ लगा गोद में उठाकर वार्ड से बाहर भागने लगे। योगी सरकार का सरकारी अमला तब पहुंचता हैं जब अस्पताल मलबे में तब्दील होने की कगार पर थी।
योगी सरकार चाहे जितनी डींगे मार ले लेकिन मेडिकल कॉलेज में अग्निरोधक मशीन नहीं लगाने के कारण ही मासूम बच्चों का कत्ल हुआ।
हमनें बहुतेरे अतिविशिष्ट व्यक्तियों के आए दिन कार्यक्रम सूची देखते हैं, मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के आगम – निर्गम की पल दर पल की समय सारणी अखबारों में छपते रहती हैं। बेहद अफ़सोस के कत्लेआम की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं, झांसी के अस्पताल में मासूमों के मौत की समय तालिका –
10:30 बजे कंसंट्रेटर मशीन में स्पार्किंग होती है
10:32 महिलाएं बतायीं धुआं निकल रहा है
10:35 डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ पहुंचते
10:40 बजे परिजन बच्चे को लेकर भागते हैं
10:53 बजे प्रिंसिपल साहब पहुंचते हैं
10:55 बजे फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची
10:57 बजे डीएम और एसएसपी पहुंचते हैं
11:20 भारतीय सेना पहुंची
12:05 बजे 10 शिशुओं की मौत पुष्टि
02:00 बजे कमिश्नर, डीआईजी पहुंचे
04:00 बजे एडीजी आलोक कुमार पहुंचे
05:00 बजे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पहुंचे