भ्रष्टाचार केवल इस और उस पार्टी में ही नहीं है, वह तो सम्पूर्ण सत्तातंत्र में व्याप्त है। जैसे भी कोई, तंत्र में काबिज होता है, वह भ्रष्ट हो ही जाता है।

भ्रष्टाचार केवल इस और उस पार्टी में ही नहीं है, वह तो सम्पूर्ण सत्तातंत्र में व्याप्त है। जैसे भी कोई, तंत्र में काबिज होता है, वह भ्रष्ट हो ही जाता है।

शेख अंसार की कलम से

बस्तर के नौजवान पत्रकार मुकेश चन्द्राकार ने सड़क निर्माण के भ्रष्टाचार को बेपर्दा करने का प्रयास किया, सड़क के भ्रष्टाचार की परत उघाड़ते ही भ्रष्टाचार का गंतव्य भी बेपर्दा हो जाना था। इसीलिए इंसानी ज़िन्दगी के ठेकेदारों ने पत्रकार की वीभत्स तरीके से हत्या कर उसके कलम को कफन से ढंकने का कु-प्रयास किया है।

निर्भीक पत्रकार मुकेश चन्द्राकार निहत्थे जरूर थे, लेकिन भ्रष्टाचारियो को कलम थामे ही ललकार कर रहे थे। दिवंगत पत्रकार मुकेश चन्द्राकार ने भ्रष्टाचार के अकूत धन में से केवल 1 करोड़ 20 लाख रूपये से बनने वाली सड़क का एक परत ही उघाड़ना शुरू ही किया था, कि बौखलाकर सत्तापोषित जिन्दगियों के ठेकेदारों ने पत्रकार के कलम को कफन से ढंक देने का मुगालता पाला लिया था। इतिहास साक्षी है कलम अमर है, वह कभी नही मरा करती है।

मुख्यमंत्री को अपने शोक संवेदना के साथ – साथ अपना यह प्रण प्रकट करना चाहिए कि मुकेश चन्द्राकार के हत्यारों को सजा जरूर दिलवाएंगे। यही उनकी ओर से यही सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है।

पूंजी पोषित हत्या, बलात्कार, जुल्म – ओ- सितम की घटनाओ के खिलाफ जनता अनवरत लड़ रही है। इन लड़ाईयों को पूंजी की विभाजनकारी षड़यंत्र का भी मुकाबला करना होगा, और पुरअसर तरीके से यह स्थापित करना होगा कि हम किसी भी समूह की लड़ाई को चयनित तरीके से नही समग्रता में लड़ेंगे चाहे वह समूह पत्रकार, वकील, शिक्षक, मजदूर, आदिवासी या दलित का हो। सत्ता का कोई भी अंग – उपांग हमला करता हैं, तो उस हमले का सामना – मुकाबला वर्गीय दृष्टि से सनिबद्ध होकर ही करना होगा।

Chhattisgarh Special