मेला अधिकारी – विजय किरण आनंद ( 2009 बैंच यूपी कैडर आईएएस ) को 27 जनवरी 2025 को वायरलेस मैसेज से संदेश मिलती है, कि वीवीआईपी वीजिट होना है, दिगर मूवमेंट रोक दिया जाए। महाकुंभ मेले के 30 ब्रिज में से केवल तीन पुल क्रमांक 13,14,15 को खोला गया एवं शेष बंद कर दिया गया। गृहमंत्री अमीतशाह, बाबा रामदेव अरूणाचल के गृहमंत्री मामा मातुंगा, केन्द्रीय मंत्री किरण रिजुजू, मिलन सोनम, अरूण गोविल ने अमृत स्नान किया। इनके स्नान के दौरान आवागमन स्थगित कर दी गई।
एसएसपी प्रयागराज – राजेश द्विवेदी ( आईपीएस, एमबीए ) दिगर मूवमेंट रोकने के क्रियान्वयन पर इनके निर्देश पर पूरे एरिया को कव्हर करने के लिए बेरिकेडिंग कर दिया, स्नान करने की प्रतीक्षा लाखों लोग उसी घेरे सो गये। इधर श्रद्धालु की आमद लगातार जारी रही।
डिवीजनल कमिश्नर प्रयागराज – आगे स्नान के लिए अनुमति नही, बेरिकेडिंग के अन्दर एक दायरे में लाखों लोगों का जमावड़ा, पीछे से लाखों लोगों के आने का सिलसिला चल ही रहा था। कि डिवीजनल कमिश्नर विजय विश्वास पंत हैण्डमाईक कंधे से लटकाकर एनाउंस करने लगते हैं … सभी श्रद्धालु सुन लें यहां लेटे रहने से कोई फायदा नहीं होगा। जो सोवत है, वो खोवत है उठिए, उठिए स्नान करिए. आपके सुरक्षित रहने के लिए, अभी और बहुत लोग आएंगे, भगदड़ मचने की संभावना है। आप पहले आए हैं तो आपको पहले अमृत मिल जाना चाहिए, सभी श्रद्धालुओं से करबद्ध निवेदन है. उठें, उठें सोए नहीं।
सेक्टर 3 प्रभारी – विनय कुमार मिश्रा मेले के सबसे अधिक भीड़ वाले क्षेत्र सेक्टर 3 के प्रभारी है। 30 में से 27 पुल बंद होने के कारण संगमनोज तक पहुंचने के 27 – 28 जनवरी से आतुर प्रतीक्षारत श्रद्धालुओ के भीड़ का आंकलन करने में पूरी तरह विफल रहे हैं।
डीआईजी प्रयागराज – वैभवकृष्ण मिश्रा ( आईपीएस, मैकेनिकल इंजीनियर ) 7535 करोड़ खर्च कर आयोजित हो रहे महाकुंभ मेला के लिए बने कन्ट्रोल रूम के प्रभारी थे। मेले की वस्तुस्थिति के इतर कन्ट्रोल रूम से वीडियो जारी करते हुए कहते हैं स्नान का मुहूर्त 7:37 से शुरू हो रहा है, अब केवल 10 मीनट बचा है, संख्या करोड़ों की अतः जो जिस घाट के नजदीक है, वे वहीं स्नान कर लें। इस घोषणा से भयंकर चूक हो गई भीड़ के अनुसार घाट निर्धारित नहीं की गई।
एडीजी उत्तरप्रदेश – भानू भास्कर ( वरिष्ठ आईपीएस ) प्रदेश के कानून – व्यवस्था सहित मेले के यातायात व्यवस्था को देख रहे थे। वीवीआईपी वीजिट के कारण मेला स्थल से 40 किलोमीटर के रेडियस में कई दिनों से जो जाम लगी थी, उसे सुचारू रूप से संचालित करने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं।
मेले के यह 6 अफसरान है जो भीड़ को सही तरीके से व्यवस्थित करने में विफल रहे है। इस विफलता का सबसे बड़ा कारण वीवीआईपी को पूरे लाव-लश्कर के साथ स्नान कराना एवं आम श्रद्धालुओ के लिए व्यवस्था नही कर पाना है।
बेशक, यह अफसरान योग्य निपुण और दक्ष होंगे लेकिन समय – समय केन्द्र और राज्य सरकारों से मिलने वाले डायरेक्शन ने प्रभावित किया है।
आम और खास के लिए पृथक – पृथक विभाजित व्यवस्था नहीं होती तो यह हृदयविदारक घटना टल सकती थी।