सीएम ने निवेशकों को छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने के लिए दिल्ली-मुंबई की यात्राएं भी की। इन पर ढाई करोड़ से ज्यादा का खर्च किया। 31 कंपनियों ने सीएम का न्यौता मंजूर भी कर लिया, लेकिन एक साल में एक भी कंपनी ने एक पैसे का इन्वेस्टमेंट नहीं किया।
सीएम विष्णुदेव साय ने
बजट में रोजगार के बड़े बड़े दावे किए हैं। रोजगार के इन दावों के पीछे का आधार छत्तीसगढ़ में निवेश की उम्मीद है। इस निवेश के लिए सीएम ने एक साल में दिल्ली और मुंबई में इन्वेस्टर्स के साथ मीटिंग की कहा कि सिंगल विंडो पर अनुमति के सारे काम हो जाएंगे।
निवेशकों को न्यौता देने की इन यात्राओं में सीएम ने ढाई करोड़ से ज्यादा का खर्च किया। 31 कंपनियों ने सीएम का न्यौता मंजूर भी कर लिया, लेकिन एक साल में एक भी कंपनी ने एक पैसे का इन्वेस्टमेंट नहीं किया। न्यौते पर सीएम को 47 हजार करोड़ के सिर्फ वादे पकड़ा दिए गए। वादों पर तेरे मारा गया, की तर्ज पर सीएम ने 22 हजार रोजगार का प्लान भी कर लिया, लेकिन ये वादे जमीन पर नहीं उतर पाए हैं।
रोजगार का वादा हवा हवाई
सीएम विष्णुदेव साय ने हाल ही में बजट पेश किया। इस बजट को उन्होंने क्रांतिकारी, विकास और रोजगार परक बताया। इस बजट में रोजगार के बड़े बड़े दावे किए गए हैं। 20 विभागों की 10 हजार से ज्यादा खाली पदों पर भर्ती, अब ये तो हो गई सरकारी नौकरी की बात। लेकिन युवाओं को रोजगार के लिए बड़े पैमाने पर निवेश का दावा किया गया। हम आपको बताते हैं इस निवेश की हकीकत जिसके आधार पर सरकार रोजगार के सपने दिखा रही है।
सरकार ने 100 करोड़ के निवेश पर बिना किसी एमओयू के सीधे उद्योग लगाने का ऑफर दे दिया। निवेशकों को यह न्यौता देने के लिए सीएम ने दिल्ली और मुंबई की यात्राएं की और निवेशक सम्मेलन के साथ वन टू वन बात भी की। सीएम ने अपने ऑफर को इन्विटेशन टू इन्वेस्ट का नाम दिया। सीएम के इस न्यौते को 31 कंपनियों ने स्वीकार भी लिया। साथ ही 47 हजार करोड़ इन्वेस्ट करने का वादा भी कर लिया। लेकिन विष्णु कार्यकाल के पिछले एक साल में एक भी कंपनी जमीन पर नहीं उतरी है। यानी अभी तक ये वादे सिर्फ हवा हवाई हैं।
निवेश में रोजगार की शर्त
जब कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ के उद्योग लगाने का वादा किया तो सीएम ने उनसे बड़े रोजगार की उम्मीद भी लगा ली। रोजगार के लिए अपनी तरफ से कुछ शर्तें भी रख दीं। जैसे इन उद्योगों में 100 फीसदी मजदूर छत्तीसगढ़ के रहेंगे। वहीं प्रदेश के 70 फीसदी पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार देना होगा। प्रशासकीय और प्रबंधकीय कामों के लिए 40 फीसदी युवा छत्तीसगढ़िया ही रहेंगे। सीएम ने इस निवेश से 22 हजार 557 युवाओं को रोजगार का खाका खींच लिया। अब इंतजार वादों के कागज से जमीन पर उतरने का है।
निवेशकों को न्यौता देने पर खर्च
सीएम ने निवेशकों को छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने के लिए दिल्ली_मुंबई की यात्राएं भी की। इस दौरान निवेशक सम्मेलन, एक एक से अलग चर्चा, नई उद्योग नीति के आकर्षक नियम भी बताए। इन यात्राओं पर सीएम ने ढाई करोड़ से ज्यादा का खर्च किया। दिल्ली की यात्रा पर एक करोड़ से ज्यादा तो मुंबई की यात्रा पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए। आइए आपको बताते हैं सीएम के खर्च का ब्यौरा ।