165 साल बाद भी जयस्तंभ चौक रायपुर में नहीं लगी स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा – अनील दूबे

165 साल बाद भी जयस्तंभ चौक रायपुर में नहीं लगी स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा – अनील दूबे

रायपुर। भारत के ऐतिहासिक प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीरनारायण सिंह छत्तीसगढ़ के सपूत हैं। आजादी के 75 साल बाद भी उनके शहादत स्थल जयस्तंभ चौक जहां अंग्रेज हुकूमत ने सेंट्रल जेल रायपुर से लाकर वर्तमान छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मौत के घाट उतार दिया । 10 दिसंबर 2021 को छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलनकारी उसपा. छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा, छत्तीसगढ़ी छात्रसंघ, छत्तीसगढ़ी महिला किसान मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में शहादत स्थल पर प्रथम शहादत दिवस मनाकर शहादत स्थल में विशालकाय प्रतिमा लगाने के लिए छत्तीसगढ़ के राज्य आंदोलनकारी भूतपूर्व रविशंकर विश्वविद्यालय के गिरधारी ठाकुर. छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल दुबे, दाऊ जी.पी.चंद्राकर, दीनदयाल वर्मा, जागेश्वर प्रसाद. राजेन्द्र दीवान, श्रीधर चंद्राकर, छन्नू साहू, लालाराम वर्मा, चेतन देवांगन, अशोक ताम्रकार, गोवर्धन वर्मा, वेगेन्द्र सोनबेर, अशोक कश्यप, परसराम ध्रुव, डॉ. पंचराम सोनी, महेन्द्र कौशिक, जगतारण सिंह ठाकुर, लोकेश्वर सेन, मनुबाई पटेल, चूडामणी पटेल, भुवनलाल पटेल, सतमन साय, कुमारी रितु महंत सहित हजारों की संख्या में भूमिपूजन कर ऐतिहासिक पुरुष शहीद वीरनारायण सिंह को विधिवत् शहादत स्थल पर प्रथम शहादत दिवस मनाकर प्रदेश के नागरिकों को उपकृत किया है। भूमिपूजन होते ही कुछ घंटों में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य आंदोलनकारियों की मांग को पूरा करते हुए एक वर्ष में शहादत स्थल पर प्रतिमा लगाने की घोषणा शहीद वीरनारायण सिंह के ग्राम सोनाखान में की। आज राज्य आंदोलनकारी अपनी घोषणा अनुसार द्वितीय शहादत दिवस 10 दिसंबर 2022 को मनाने जा रहे हैं। इसके पूर्व 6 नवंबर 2022 को श्री जागेश्वर प्रसाद, वेगेन्द्र सोनबेर, डॉ. पंचराम सोनी, अशोक कश्यप, राजेश बिसेन, रघुनंदन साहू के नेतृत्व में जिलाधीश रायपुर को मुख्यमंत्री के घोषणा पर अमल करने की लिखित ज्ञापन प्रस्तुत किया है। 48 से 72 घंटे में 10 दिसंबर आ रहा है मुख्यमंत्री की घोषणा का अमल दिखाई नहीं दे रहा है। राज्य आंदोलनकारियों के ज्ञापन का असर जरूर हुआ है जिसमें जिलाधीश द्वारा नगर निगम रायपुर के माध्यम से प्रतिमा लगाने की सूचना दी है। टेंडर नगर निगम कमिश्नर द्वारा जारी किया गया है जिसमें तीन माह के अंदर प्रतिमा बनाकर देने का एग्रीमेंट होना है। परन्तु भ्रष्ट नगर निगम, भ्रष्ट छत्तीसगढ़ शासन, सहित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर नारायण सिंह के प्रतिमा को मात्र इसलिए देरी कर रहे हैं कि उसमें कमीशन 20 लाख रूपया कैसे मिले। ज्ञात रहे राज्य आंदोलनकारियों ने दुर्ग के कलाकार मनोज कुर्रे को महान योद्धा शहीद वीरनारायण सिंह का प्रतिमा बिना लाभ हानि के बनाने के लिए उन्होंने टेण्डर में 29 लाख रूपये पर दिया है। जिसमें किसी भी प्रकार का शासन को अधिकारियों को नगर निगम के महापौर को किसी भी प्रकार का कमीशन की गुंजाइश नहीं है। कमिश्नर नगर निगम द्वारा मनोज कुर्रे के टेण्डर को

स्थगित रखा है। यह दबाव सत्ता और महापौर का ही है। वर्तमान राजनीति शहीदों के कार्यों में भी नगद नारायण की व्यवस्था बनाने में लगी है। इससे ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ देश का सबसे भ्रष्ट राज्य बन गया है। वर्तमान स्थिति बद से बदत्तर हो गई है । प्रदेश के आईपीएस, आईएएस, महिला डिप्टी कलेक्टर, कलेक्टर, मुख्य आरोपी हैं। जिस प्रदेश की महिलाएं भ्रष्ट हो जाए उस प्रदेश का विकास संभव नहीं है। महिलाएं हमारे प्रदेश की मान-सम्मान हैं और वही भ्रष्ट हैं तो भगवान ही इस प्रदेश का मालिक है। शहीद वीरनारायण सिंह की प्रतिमा राज्य आंदोलनकारियों ने लगाने का निर्णय लिया है, भूमि पूजन राज्य आंदोलनकारियों के हाथों होने के पश्चात् 6 माह के समय में प्रतिमा नहीं लगाई गई तो आपसी सहयोग राशि से प्रतिमा जयस्तंभ चौक में स्थापित करने का अंतिम निर्णय लिया गया है। द्वितीय शहादत दिवस 12 बजे से 5 बजे तक शहीद वीरनारायण सिंह के वीरगाथा के साथ प्रारंभ होकर । शाम 6 बजे मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजली देने का कार्यक्रम घोषित है। इस अवसर पर प्रदेश के किसान, छात्र, महिलाएं सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहेंगी। राजधानी एवं प्रदेश के नागरिकों को भाग लेने की अपील की है।

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