छत्तीसगढ़ आरक्षण विधेयक को साइन न करते हुए, राज्यपाल द्वारा सवाल खड़ा करना चिंताजनक है और छत्तीसगढ़ के भाईचारा को खराब करने जैसा है
ओबीसी बस्तर संभागीय अध्यक्ष श्री दिनेश यदु ने राज्यपाल महोदया द्वारा सिर्फ अनुसूचित जनजाति के लिए विधेयक बुलाने और बाकी वर्ग को नजर अंदाज किये जाने पर गहरा विरोध दर्ज किया है
दिनेश यदु ने कहा कि जब राज्य सरकार द्वारा क्वांटिफायल डाटा के माध्यम से गिनती करवाकर संविधानिक सामाजिक सर्वसम्मति से विधेयक पारित किया है तो इसे रोकना, और निरर्थक सवाल खड़े करना, संविधान के उल्लंघन जैसा है यह राज्य सरकार और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होगी कि इसका बचाव वह कैसे करते हैं इसमें साइन करने में देरी के चलते उनकी ही छवि पर बुरा असर पड़ सकता है जब केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने ही अपनी आरक्षण की 50% की सीलिंग को तोड़कर ईडब्ल्यूएस आरक्षण लाकर सबको मौका दे दिया है तो जिस किसी को आरक्षण पर आपत्ति हो वह दम दिखाते हुए, सीधे सुप्रीम कोर्ट में आपत्ति लगाए
आप लोगों को ज्ञात हो की ओबीसी अधिकार आंदोलन ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप में प्रत्येक क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व हिस्सेदारी दिलाने हेतु निस्वार्थ ईमानदारी और त्याग के साथ सामाजिक कार्य कर रहे साथियों का एक गैर राजनीतिक समूह है ओबीसी अधिकार आंदोलन विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हो वैसी समुदायक की समस्याओं के निराकरण के लिए एक संगठित प्रयास है और वर्षों से चली आ रही उच्च नीच की सामाजिक व्यवस्था एवं कुरीतियों को समाप्त कर एक ऐसे स्वस्थ समाज का सृजन करना जो समानता स्वतंत्रता भाईचारा और न्याय के सिद्धांतो पर आधारित हो