गर्वित फाउंडेशन अध्यक्ष ने लिया देहदान का संकल्प

गर्वित फाउंडेशन अध्यक्ष ने लिया देहदान का संकल्प

वर्तमान समय में जहां विज्ञान ने विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति की है वहीं विभिन्न प्रकार की नयी बीमारियों ने पैर पसारने शुरू कर दिया हैं। कुछ बिमारियांँ ऐसी है जिनके इलाज व राहत के लिए अन्य लोगों के द्वारा दिये गये रक्त, मानव नेत्र, हृदय, किडनी, लीवर, अस्थि मज्जा, इत्यादि पर निर्भरता ही एकमात्र उपाय बच जाता है।

जब भी कोई अपना ऐसी परिस्थिति से गुजरता है तो हमें पता चलता है कि प्रत्यारोपण के लिए हमें लम्बे समय तक इंतजार करना पढ़ेगा। तब विचार आता है कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में रक्तदान, अंगदान, देहदान करने वाले लोगों कि संख्या अत्यधिक न्यून है।

वर्तमान समय में जब विज्ञान और प्रौद्योगिकी इतना विकास कर चुका है। फिर भी मानव अंगों की प्रतिपूर्ति नहीं की जा सकती है।

हमें संकल्प लेना चाहिए कि हमारा जीवन अपने साथ अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान, अंगदान और देहदान कर अपने बाद किसी अन्य के जीवन में रंग भरने का प्रयास करना चाहिए। ताकि हमारे बाद भी हमारे अंगो से कई लोगों को जीवनदान मिल सकेगा।

ऐसे ही देहदानी के रूप में हमारे बीच अपने मरणोपरांत देहदान की घोषणा करने वाले आधुनिक दधीची श्री विजय कुमार लहरे ने समाजिक वर्जनाओं को तोड़कर देहदान करने का संकल्प लिया है। मरणोपरांत उनके पार्थिव शरीर को पंडित अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कालेज राजनांदगांव को अध्ययन के लिए सौंपा जाएगा विजय लहरे जी मुख्य रूप से समाजसेवी है और वह गर्वित फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के नाम से एनजीओ चला रहे है आईए हम सब मिलकर इसे नवजागरण का स्वरूप प्रदान करे।

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