छत्तीसगढ़ प्रदेश परंपरागत मछुआरा समाज संघर्ष समिति ने छत्तीसगढ़ के नवीन मछली पालन नीति के विरोध में धमतरी विधायक को सौंपा ज्ञापन..

छत्तीसगढ़ :- वर्तमान छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नवीन मछली पालन की सन 2022 में अतिरिक्त बिंदु क्रमांक 07 के पैरा 4 में मछली पालन के लिए गठित सहकारी समितियों का मूल्यांकन सहकारिता विभाग एवं मछली पालन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा किया जाना एवं समितियों के दायित्व एवं वस्तुस्थिति अनुसार समितियों का परीसमापन की कार्रवाई किया जाना एवं नवीन समितियों का गठन किया जाना/ जोड़ा जाए इस उपरोक्त नीति को रद्द करने हेतु धमतरी विधायक श्रीमती रंजना डीपेंद्र साहू जी से छत्तीसगढ़ प्रदेश परंपरागत मछुआरा समाज(धीवर, ढीमर, केवट, निषाद, भोई, मल्लाह, कहार ) संघर्ष समिति के प्रांत संयोजक एवं सहकार भारती मछुआरा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कृष्णा चंपालाल हिरवानी, प्रमुख मार्गदर्शक परमेश्वर फूटान, नर्मदा प्रसाद जगबेडहा, सहसंयोजक हरीश चौबे, सोनू नाग, कार्यकारिणी सदस्य गोविंदा कोसरिया ने सौजन्य भेंट कर बताया कि वर्तमान छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नवीन मछली पालन नीति के विभिन्न नीतियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में निवासरत एवं मछली पालन में कार्यरत परंपरागत समाज धीवर, ढीमर, केवट, निषाद, भोई, मल्लाह, कहार, जातियों को मछली पालन में परेशानियां पैदा करने का एवं आर्थिक रूप से कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है जिसके लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नवीन मछली पालन नीति के अतिरिक्त बिंदु क्रमांक 07 के पैरा 4 में मछली पालन के लिए गठित मत्स्य सहकारी समितियों का मूल्यांकन सहकारिता विभाग एवं मछली पालन विभाग के संयुक्त टीम द्वारा किया जाना एवं समितियों के दायित्व एवं वस्तु- स्थिति अनुसार समितियों का परिसमापन की कार्रवाई की जाएगी एवं नवीन समितियों का गठन किया जा सकेगा/ जोड़ा जाए को नवीन मछली पालन नीति में अतिरिक्त रूप से जोड़ा गया है जिससे परंपरागत मछुआरा समाज के पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों में भय व्याप्त हो गया है कि उनकी समितियों को कभी भी किसी भी प्रकार की कोई भी खामी निकालकर पंजीकृत प्राथमिक मछुआ सहकारी समितियों को परिसमापन की कार्यवाही कर नई समितियों का गठन करने का कार्य सहकारिता विभाग में मछली पालन विभाग द्वारा किया जा सकता है जिसके चलते कार्यरत परंपरागत पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों के हजारों सदस्यों के बेरोजगार होने एवं आर्थिक क्षति उठाने का संभावना हमेशा बना रहेगा जिसके चलते पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों के सदस्यों के आश्रित लाखों लोग प्रभावित होंगे अतः छत्तीसगढ़ में निवासरत छत्तीसगढ़ प्रदेश परंपरागत मछुआरा संघर्ष समिति समाज के द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के नवीन मछली पालन नीति के चलते समाज को होने वाले बेरोजगारी एवं आर्थिक क्षति की पीड़ा को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन मछली पालन नीति के अतिरिक्त बिंदु क्रमांक 07 के प्रचार में उल्लेखित नीति को अति शीघ्र संशोधित किया जाए यह मांग माननीय धमतरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्रीमती रंजना डीपेंद्र साहू जी को ज्ञापन सौंपा गया



            
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