जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह जनहित याचिका बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गंभीर मामला बताया था। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वो सभी राज्यों से चर्चा कर हलफनामा दाखिल करे। जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविवकुमार की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था
मामले पर पिछली सुनवाई 12 दिसंबर को हुई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय से कहा है कि वो जनहित याचिका में अल्पसंख्यक धर्मों के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयानों को हटा दें। इसके साथ ही ये सुनिश्चित करें कि ऐसी टिप्पणी रिकॉर्ड में न आएं।
वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अरविंद दातार ने कोर्ट के निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि अगर यह अपमानजनक टिप्पणी है, तो उन्हें हटा दिया जाएगा। पीठ ने केंद्र सरकार के हलफनामे के इंतजार करने के लिए सुनवाई 9 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी। पीठ ने कि वो हस्तक्षेपकर्ताओं की अर्जी पर अगली सुनवाई में विचार करेंगे।