राहुल गांधी के तपस्वी और पुजारी वाले बयान से खड़े हुए विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा, दूसरे देशों में एक धर्म है, एक ग्रंथ है, एक उनका ईष्ट है। हमारा देश ऐसा है जहां अलग-अलग मान्यता के लोग हैं। हम यह नहीं कह सकते हैं कि यह हमारा सर्वमान्य ग्रंथ है। हम गीता पढ़ते हैं, वेदों को मानते हैं, उपनिषद मानते हैं, रामायण को मानते हैं। हमारा कोई एक ग्रंथ नहीं है। हमारे बहुत सारे ग्रंथ हैं। हमारे बहुत से ऋषि भी हैं। किसी एक ऋषि की बात को प्रमाणित नहीं मान सकते। वह भी प्रमाणिक है, लेकिन दूसरे ऋषि बोले हैं वह भी हमारे लिए प्रमाणिक है। उसी तरह से हमारे ईष्ट भी बहुत हैं। हम शिव को मानते हैं, कृष्ण को मानते हैं, राम को मानते हैं, गुरु को मानते हैं। ये देश तो ऐसा है जहां गुरु को ईश्वर के समकक्ष खड़ा कर दिया गया है। गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपनो गोविंद दियो बताय।
गुरु जो है वह इंसान है, वह अपने तप से, अपने अध्ययन से, अपने ध्यान से योग से इतनी ऊंचाई प्राप्त कर लेता है कि वह ईश्वर के समकक्ष हो जाता है। भक्ति आंदोलन की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि गुरु जो है वह गोविंद के बराबर है। हमारे देश में विभिन्न प्रकार की मान्यताएं हैं, बहुत सारे रास्ते हैं। खट्टर जी को कुछ समझ-वमझ आना नहीं है। भक्त और भगवान के बीच संबंध क्या होता है यह तो कोई भक्त ही जान सकता है। खट्टर जी यह नहीं समझ पाएंगे।