करीब एक महीने पहले कोविड को लेकर पूरे देश में फिर से खौफ का साया मंडराने लगा था। आनन-फानन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर सभी बड़े जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं ने बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया था। दरअसल चीन में अचानक बढ़े मामलों से ऐसी सतर्कता बरती जानी आवश्यक थी। फिलहाल एक महीने बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी ने पूरे देश में मामलों की गहनता से जांच के बाद पाया कि अब कोविड को लेकर फिलहाल कोई बड़ा खतरा नहीं है। दरअसल राहत की खबर इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि जो वैरिएंट चीन में हाहाकार मचा रहा है, उसके मामले देश में कई महीने पहले भी आए और उसका असर अब तक न के बराबर रहा है। इन मामलों को स्टडी करने के बाद ही विशेषज्ञों ने फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं कही है।
भारत में इस वैरिएंट का ज्यादा असर नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक्सपर्ट कमेटी से जुड़े एक विशेषज्ञ बताते हैं कि कोविड मामलों की जांच को लेकर बीते एक महीने से लगातार माइक्रो स्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इस दौरान उन सभी मरीजों को भी ऑब्जर्व किया गया, जो चीन में हाहाकार मचाने वाले वैरिएंट से प्रभावित हुए थे। विशेषज्ञों के मुताबिक जो वैरिएंट चीन में और दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में पाया गया, वही वैरिएंट अपने देश में पहले से मौजूद था। इस पूरे मामले को मॉनिटर करने वाली कमेटी से जुड़े एक वरिष्ठ वैज्ञानिक बताते हैं कि सबसे महत्वपूर्ण बात यही थी कि यह सुनिश्चित किया जाए कि क्या चीन में पाया जाने वाला वैरिएंट अपने देश में ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है या नहीं। वह कहते हैं कि राहत की बात यह रही कि जो लोग चीन में पाए गए वैरिएंट से संक्रमित थे, वह ठीक भी हुए और उनके संपर्क में आए लोग भी ठीक हुए।
स्वास्थ विभाग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि जिन राज्यों में ऐसे मरीज मिले थे, उनकी पूरी हिस्ट्री को चेक किया गया। उनके संपर्क में आए लोगों कि न सिर्फ जांच पड़ताल की गई, बल्कि उसके बाद उनकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री का भी संज्ञान लिया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि संपर्क में आए बहुत से लोगों की स्ट्रांग इम्युनिटी के चलते उन पर इस वायरस का कोई असर नहीं हुआ। कोविड मामलों पर नजर रखने वाली कमेटी से जुड़े एक वरिष्ठ सदस्य बताते हैं कि यह सबसे बड़ी राहत की बात थी कि अपने देश में पाया गया चीन में तबाही मचाने वाला यह वैरिएंट बिल्कुल प्रभावी नहीं था। हालांकि देश में कोविड मामलों की न सिर्फ जांच बढ़ाई गई, बल्कि रेंडम सेंपलिंग की गई। जहां पर ऐसा कोई भी ट्रेंड नहीं दिखा कि अपने देश में कोविड का कोई खतरा बन रहा हो।