पाकिस्तान में अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में सोमवार को हुए धमाके में मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंगलवार को यहां से और लाशें बरामद की गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि अब तक मृतकों की संख्या बढ़कर 90 पहुंच गई है। जबकि, एक दिन पहले 61 शव बरामद किए गए थे, वहीं 150 से अधिक अन्य घायल हो गये।
सुरक्षा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट दोपहर एक बजकर करीब 40 मिनट पर पुलिस लाइन इलाके के पास उस वक्त हुआ, जब नमाजी जुहर (दोपहर) की नमाज पढ़े रहे थे। तभी अगली पंक्ति में बैठे आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। नमाजियों में पुलिस, सेना और बम निष्क्रिय दस्ते के कर्मी थे। राजधानी शहर पुलिस अधिकारी (सीसीपीओ), पेशावर मोहम्मद एजाज खान ने सोमवार को कहा था कि विस्फोट में 61 लोगों की मौत हुई। लेडी रीडिंग अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मृतकों में कम से कम पांच उप-निरीक्षक और मस्जिद के इमाम मौलाना साहिबजादा नूरुल अमीन शामिल हैं।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली जिम्मेदारी
पाकिस्तान के पेशावर शहर के अति सुरक्षित क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद में आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है। टीटीपी के मारे गए कमांडर उमर खालिद खुरासानी के भाई ने दावा किया कि आत्मघाती हमला उसके भाई की मौत का बदला लेने के लिए किया गया जो पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में मारा गया था। पाकिस्तान तालिबान के नाम से जाने वाले टीटीपी ने इससे पहले भी पाकिस्तान में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए कई आत्मघाती हमले किए हैं।
पेशावर के पुलिस अधीक्षक शाजाद कौकब ने मीडिया को बताया कि नमाज अदा करने के लिए वह मस्जिद में घुसे ही थे कि विस्फोट हो गया। वह सौभाग्यशाली थे कि हमले में बच गए। कौकब का दफ्तर मस्जिद के करीब ही है। पुलिस लाइन स्थित मस्जिद चार स्तरीय सुरक्षा घेरे में थी। इन सभी सुरक्षा घेरे को भेदते हुए हमलावर मस्जिद में घुसने में सफल रहा और अग्रिम पंक्ति में पहुंच गया।
जांच में जुटी पुलिस
पेशावर के पुलिस महानिरीक्षक मुअज्जम जाह अंसारी ने कहा है कि पुलिस विस्फोट की जांच कर रही है और यह पता लगा रही है कि बम हमलावर इस अति सुरक्षा वाली मस्जिद में कैसे घुसा। उन्होंने आशंका प्रकट की कि धमाके से पहले बम हमलावर पुलिस लाइंस में रह रहा होगा क्योंकि पुलिस लाइंस के अंदर ‘फैमिली क्वाटर्स’ भी हैं। पेशावर पुलिस, आतंकवाद निरोधक विभाग, फ्रंटियर रिजर्व पुलिस, इलीट फोर्स एवं संचार विभाग के मुख्यालय भी इसी विस्फोट स्थल के आसपास हैं।