सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को सेंसर करने से रोकने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई अप्रैल में होगी। वरिष्ठ पत्रकार एन राम, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और एडवोकेट प्रशांत भूषण की ओर से वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह एक ऐसा मामला है, जहां सार्वजनिक डोमेन में आदेश दिए बिना आपातकालीन शक्तियां लागू की गईं। उन्होंने बताया कि डॉक्यूमेंट्री के लिंक शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक कर दिए गए हैं।
बता दें कि इससे पहले शीर्ष अदालत ने 30 जनवरी को कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी अगले सोमवार को सुनवाई करेगी।
21 जनवरी को केंद्र ने लगाया था बैन
बता दें कि 21 जनवरी को केंद्र सरकार ने विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” को देश में प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, कई शिक्षण संस्थानों में छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को लेकर हंगामा किया है, जिस पर विवाद की स्थिति भी पैदा हुई है।