तुर्किये में आए भूकंप में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं। मलबे में दबे लोगों को निकालना अभी प्राथमिकता है और इस काम में मदद के लिए दुनिया के कई देशों ने तुर्किये को मदद भेजी है। भारत ने भी एनडीआरएफ की दो टीमों को तुर्किए रवाना किया है, जिनमें राहत और बचाव कार्य में एक्सपर्ट जवानों और मेडिकल स्टाफ के साथ ही चार डॉग्स भी तुर्किए भेजे गए हैं।
इन डॉग्स के नाम जूली, रोमियो, हनी और रैंबो हैं। स्पेशल तौर पर ट्रेंड लेब्राडोर ब्रीड के ये डॉग्स भूकंप प्रभावित तुर्किए में राहत और बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। बता दें कि मंगलवार को एनडीआरएफ के 101 जवानों वाली दो टीमें तुर्किये रवाना हुईं थी। एनडीआरएफ के डायरेक्टर जनरल अतुल करवाल ने बताया कि तुर्किये भेजी गई डॉग स्कवॉड और दोनों टीमें सभी तरह से ट्रेंड और सभी जरूरी उपकरणों से लैस है। एनडीआरएफ की टीमें तुर्किए की स्थानीय एजेंसियों के निर्देश पर राहत और बचाव अभियान चलाएंगे।
तुर्किए भेजी गई एनडीआरएफ की दोनों टीमों का नेतृत्व कमांडेंट गुरमिंदर सिंह कर रहे हैं और इन टीमों में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ सभी जरूरी सामान के साथ भेजे गए हैं। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार इस मुश्किल वक्त में तुर्किए की हरसंभव मदद के लिए तैयार है।
एनडीआरएफ का गठन साल 2006 में हुआ था और इसे पहली बार इंटरनेशनल ऑपरेशन पर साल 2011 में जापान में भेजा गया था, जब जापान में भूकंप से भारी तबाही हुई थी। इसके बाद साल 2014 में भूटान में भी एक राहत अभियान के दौरान एनडीआरएफ की टीमों को भेजा गया था। तीसरी बार एनडीआरएफ को विदेशी जमीन पर ऑपरेशन चलाने के लिए साल 2015 में नेपाल भेजा गया था। अब तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप में चौथी बार एनडीआरएफ को राहत और बचाव कार्यों की जिम्मेदारी दी गई है।
बता दें कि तुर्किये में सोमवार को आए 7.8 मैग्निट्यूड के भूकंप से भारी तबाही हुई है। भूकंप के चलते तुर्किये और सीरिया में हजारों इमारतें गिर गई हैं और हजारों लोगों की मौत हुई है। अभी तक मृतकों का आंकड़ा करीब आठ हजार तक पहुंच गया है और अभी इसके और बढ़ने की आशंका है।