जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट के चार अभियुक्तों को हाईकोर्ट ने बुधवार को बरी कर दिया. इन सभी अभियुक्त को दिसंबर 2019 में स्पेशल कोर्ट ने फांसी की सज़ा सुनाई थी.
कोर्ट ने राजस्थान पुलिस के मुखिया (डीजीपी) को इस मामले के जांच अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. चारों अभियुक्त उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों के रहने वाले हैं.
बरी हुए चारों अभियुक्त उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों के रहने वाले हैं.
इनके नाम मोहम्मद शैफ़, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सरोवर और सैफुल रहमान हैं. इन अभियुक्तों ने सोलह साल तक कोर्ट की लड़ाई लड़ी और हाइकोर्ट से बरी हुए हैं.
बरी हुए चारों अभियुक्तों के वकील सैय्यद शहादत अली ने कोर्ट के फ़ैसले पर मिडिया से फ़ोन पर बातचीत की.
उन्होंने कहा, “कोर्ट ने इस मामले में की गई एटीएस की जांच को सही नहीं माना है. कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में इतना गैर जिम्मेदारी से काम किया गया है कि इनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए.”
कोर्ट ने डीजीपी को गैर जिम्मेदारी से जांच करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह डीजीपी के संपर्क में रहेंगी और देखेंगी कि डीजीपी क्या कार्रवाई कर रहे हैं.”
13 मई 2008 की शाम को जयपुर के माणक चौक, चांदपोल गेट, त्रिपोलिया गेट, सांगानेरी गेट, बड़ी चौपड़, जौहरी बाज़ार में एक के बाद एक बम ब्लास्ट हुए थे.
इन धमाकों में 71 लोगों की जान गई थी, जबकि 185 लोग घायल हुए थे. शहर के रामचंद्र मंदिर के पास से एक ज़िंदा बम बरामद कर उसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय किया था