आम आदमी पार्टी के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जैसे शीर्षस्थ संवैधानिक पद के व्यक्ति को बिना किसी साक्ष्य के महीनो जेल में बंद कर सकते हैं, तो भारत के आम आदमी की क्या बिसात !

आम आदमी पार्टी के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जैसे शीर्षस्थ संवैधानिक पद के व्यक्ति को बिना किसी साक्ष्य के महीनो जेल में बंद कर सकते हैं, तो भारत के आम आदमी की क्या बिसात !

सीबीआई – ईडी ने शराब घोटाला मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 से आईपीसी (Indian Penal Code) की धारा 120 – बी (आपराधिक साजिश) 477 – ए (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा -7 एवं पीएमएलए ( Prevention of Money Laundering Act 2002 ) धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत गिरफ्तार किया है।

किसी का बयान साक्ष्य नही होता । कहां है रिश्वत के पैसे ? कहां रिश्वत देने का प्रमाण ? किसके खाते में डाले गये रूपये ?

राजधानी दिल्ली का एक नामी शराब व्यापारी दिनेश अरोड़ा ने ईडी के समक्ष बयान दिया है, कि उसने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को ठेका प्राप्त करने के लिए करोड़ों रुपए दिया। इस कथित कथन के आधार पर पहले सीबीआई फिर ईडी ने मनीष सिसोदिया पर उपरोक्तानुसा प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया। कल जब उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का मामला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना के समक्ष सुनवाई के लिए आया तब संजीव खन्ना ने अभियोजन ईडी से बेहद तल्ख लहजे में पूछा कहां है रिकव्हरी के पैसे ? क्या ईडी पुलिस चौकी के हवलदार की तरह केस बनाती है ? माननीय न्यायाधीश ने ईडी को नसीहत देते हुए कहा यदि सुनवाई हुई तो आपका केस महज़ दो मिनट के अन्तराल में किसी कटे पेड़ की तरह धड़ाम से गिर जायेगा।

राजनीतिक गलियारे में ही नही सर्वोच्च न्यायालय के परिसर में लोग अब समझने लगे हैं, क्यों केन्द्र की मोदी सरकार ईडी के निदेशक संजय मिश्रा के सेवा विस्तार के लिए एड़ीचोटी का चोर लगा रही थी। ताकि उनके लिए समर्पित ईडी डायरेक्टर संजय मिश्रा को अपने मुताबिक कभी भी कैसे भी इस्तेमाल कर सकें।

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