नासा की एक ग़लत कमांड से वोएजर-2 का संपर्क पृथ्वी से टूट गया है. यह स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष की पड़ताल करने के लिए पिछले 46 साल से यात्रा पर निकला हुआ है.
पिछले महीने नासा ने स्पेसक्राफ्ट को गलत कमांड दे दिया था, जिसके बाद से उससे संपर्क टूट गया था और उसने डेटा भेजने बंद कर दिए थे.
समाचार एजेंसी पीटीआई की ख़बर के अनुसार, नासा के डीप स्पेस नेटवर्क को अब ‘हार्टबीट सिग्नल’ मिले हैं, जिसका मतलब है कि 46 साल पुराना स्पेसक्राफ्ट जीवित है और काम कर रहा है.
प्रोजेक्ट मैनेजर सुजान डोड ने एक ईमेल में मंगलवार को यह जानकारी दी. डोड ने कहा कि इस जानकारी ने उनके मनोबल को बढ़ाया है. दरअसल इस स्पेसक्राफ्ट के फ्लाइट कंट्रोलर्स ने यान का एंटीना पृथ्वी की तरफ़ से गलती से मोड़ दिया था, जिससे संपर्क टूट गया.
अब कैलिफ़ोर्निया के जेट प्रोपल्सन लेबोरेट्री के फ्लाइट कंट्रोलर्स वोएजर-2 का एंटीना धरती की तरफ वापस मोड़ने की कोशिश करेंगे और अगर यह कमांड काम नहीं करता है तो उन्हें अक्टूबर तक प्रतीक्षा करनी होगी.
दरअसल अक्टूबर में वोएजर-2 खुद को ऑटोमेटिक रिसेट करेगा. वोएजर-2 1977 से ही अंतरिक्ष के गहरे रहस्यों की पड़ताल करने की यात्रा पर है. यह अभी धरती से 19.9 अरब किलोमीटर की दूरी पर है.
21 जुलाई से यह न तो कोई कमांड ले रहा है और न ही डेटा भेज रहा है. वोएजर-2 एक मात्र स्पेसक्राफ्ट है जो नेपच्यून और यूरेनस के पास से गुज़रा है.
1977 में अगस्त और सितंबर महीने में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने दो अंतरिक्ष यान धरती से रवाना किए थे. इन्हीं का नाम था वॉइजर एक और दो.
वॉइजर 2 को 20 अगस्त को अमेरिकी स्पेस सेंटर केप कनावरल से छोड़ा गया था. वहीं वोएजर एक को पांच सितंबर को रवाना किया गया.